NPS Rules: 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया था. इसके बाद इसके योजना को काफी लचीला बनाया गया है.
नई दिल्ली. रिटायरमेंट के बाद का जीवन अगर आप आर्थिक आजादी चाहते हैं तो आपको नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) में निवेश करना चाहिए. यह एक ऐसी स्कीम है जिसमें आप रिटायरमेंट के लिए न केवल मोटा फंड बना सकते हैं, बल्कि पेंशन का जुगाड़ भी कर सकते हैं. नेशनल पेंशन सिस्टम लोगों को कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज या इक्विटी में निवेश करने का ऑप्शन प्रदान करता है. एनपीएस में निवेश से न केवल शानदार रिटर्न मिलता है बल्कि टैक्स छूट भी मिलती है. अब सवाल उठता है कि क्या एनपीएस में कोई रिटायरमेंट के बाद भी निवेश कर सकता है? इसका जवाब है हां.
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आप एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद भी निवेश जारी रख सकते हैं. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने एनपीएस को लचीला बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. इसके तहत उम्र 60 से अधिक और 65 से कम उम्र होने पर एनपीएस में निवेश किया जा सकता है. अंशधारक न्यूनतम तीन साल और अधिकतम 70 साल आयु होने तक निवेश कर सकता है. एनपीएस में 2 अकाउंट खोले जा सकते हैं. टियर 1 और टियर 2. नेशनल पेंशन सिस्टम को 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया था.
मिलती है टैक्स छूट
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80CCD (1), धारा 80CCD (1B), और धारा 80CCD (2) के तहत इस योजना में किए गए निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत आप एनपीएस में निवेश कर वार्षिक 50,000 रुपये की टैक्स कटौती के हकदार हो सकते हैं. यह 80सी के 1,50,000 लाख रुपये की कर छूट मिलती है.
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यह है निकासी का नियम
नए नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति मैच्योरिटी पर पूरे फंड की निकासी नहीं कर सकता. फंड के 40 फीसदी हिस्से से एन्युटी खरीदना जरूरी है. इसी एन्युटी से रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है. बाकी के 60 फीसदी फंड को विदड्रा किया जा सकता है. अगर आप रिटायरमेंट के बाद भी एनपीएस में जमा रकम को नहीं निकालना चाहते हैं, तो सरकार आपको ऐसा करने की इजाजत देगी. मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स भी नहीं लगता है.