Plant-Based Meat Benefits: नॉनवेजिटेरियन लोगों के लिए एक दम से मीट छोड़ना मुश्किल होता है. ऐसे लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अब प्लांट बेस्ड मीट बाजार में उतारा गया है. इस सेक्टर का बिजनेस किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है
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What is plant-based meat gaining popularity: आजकल वेज कल्चर को बढ़ावा देने और हेल्दी डाइट का कॉन्सेप्ट जमकर सुर्खियों में है. ऐसे में खाने-पीने के शौकीनों के बीच प्लांट बेस्ड मीट (पौधों से मिलने वाला मांस) की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल ये फूड पूरी तरह से शाकाहारी होता है, लेकिन इसकी खुशबू और रूप-रंग मांस (meat) जैसी होती है. ऐसे में जो लोग हेल्थ रीजन से नॉनवेज (Non Veg) छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए ये प्लांट बेस्ड मीट किसी वरदान से कम नहीं है.
इन पौधों से बनता है प्लांट बेस्ट मीट
प्लांट बेस्ट मीट पूरी तरह से शाकाहारी है. इससे बनने वाले प्रोडक्ट पूरी तरह से पौधे और वनस्पतियों से तैयार होते हैं. जिसमें आर्टिफियल कलर्स और एडिड प्रिजर्वेटिव मिलाया जाता है, जिससे ये मांस जैसा महसूस होता है. आपको बताते चलें कि प्लांट बेस्ड मीट को पौधों से मिलने वाली चीजों जैसे फलियां, दाल, किनोवा, नारियल का तेल, गेहूं के ग्लूटन या सीतान, सोयाबीन, मटर, चुकंदर के रस के अर्क से तैयार किया जाता है. इसमें पशुओं के दूध के बजाए ओट्स और बादाम का दूध भी इस्तेमाल होता है.
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देश-विदेश में बढ़ी मांग
तेजी से प्लांट बेस्ड मीट की मांग बढ़ रही है. लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. ITC जैसी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां प्लांट बेस्ड मीट प्रोडक्ट बाजार में उतार चुकी हैं. आज ये हजारों करोड़ का बिजनेस बन गया है. आज एग्री बिजनेस के दौर में किसान भी चाहें तो खेती के साथ प्लांट बेस्ड मीट का बिजनेस कर सकते हैं. आप अपने खेत में बेस्ट क्वालिटी के ऑर्गेनिक रॉ मटेरियल की पैदावार करके खुद की प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं.
बस लेना होगा ये लाइसेंस
ये फूड बिजनेस है, इसलिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस लेना होगा. एग्रीकल्चर बिजनेस के लिए सरकार लोन, सब्सिडी और प्रोत्साहन देती है. ऐसे में इस सेक्टर में हाथ आजमाने के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग या खाद्य विभाग से संपर्क कर सकते हैं.