स्विस बैंकों में जानकारी साझा करते हुए कहा है कि स्विस बैंक में भारतीयों की जमा पूंजी में 11 फीसदी की कमी आई है. यह अब 30000 करोड़ पर आ गई है. लेकिन एसएनबी की तरफ से ब्लैक मनी को लेकर कोई जानकारी नहीं साझा की गई है.
स्विस बैंकों में रखी हुई भारत के निवासियों एवं कंपनियों की राशि पिछले साल 11 फीसदी घटकर 3.42 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 30,000 करोड़ रुपये) रह गई. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने यह जानकारी दी है. लेकिन स्विस केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्लैकमनी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
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स्विस केंद्रीय बैंक एसएनबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में स्विस बैंकों में रखा गया भारतीय ग्राहकों का कुल फंड 11 फीसदी घटकर 3.42 अरब फ्रैंक रह गया. इसके एक साल पहले 2021 में स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों ने 3.83 अरब स्विस फ्रैंक की राशि रखी थी जो 14 वर्षों का उच्च स्तर था.
इसके अलावा पिछले साल स्विस बैंकों में भारतीयों की तरफ से जमा की जाने वाली राशि भी करीब 34 फीसदी घटकर 39.4 करोड़ फ्रैंक रह गई. इसके पहले वर्ष 2021 में यह सात साल के उच्च स्तर 60.2 करोड़ फ्रैंक पर थी.
स्विस नेशनल बैंक (SNB) को स्विट्जरलैंड के बैंकों की तरफ से दी गई सूचनाओं के आधार पर जारी आंकड़ों में भारतीय खाताधारकों की तरफ से जमा किए गए कथित काले धन का कोई जिक्र नहीं है. इन आंकड़ों में स्विस बैंकों में किसी तीसरे देश से संबंधित फर्म के नाम पर जमा राशि भी शामिल नहीं है.
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एसएनबी के मुताबिक, वर्ष 2022 के अंत में स्विस बैंकों की भारतीय ग्राहकों के प्रति कुल देनदारी 342.4 करोड़ स्विस फ्रैंक थी. इनमें से 39.4 करोड़ स्विस फ्रैंक जमाओं के तौर पर थी जबकि 110 करोड़ फ्रैंक अन्य बैंकों के माध्यम से स्विस बैंकों के पास पहुंचे थे.
इनके अलावा जिम्मेदार व्यक्तियों या ट्रस्ट के जरिये 2.4 करोड़ फ्रैंक रखे गए थे जबकि 189.6 करोड़ फ्रैंक ग्राहकों की तरफ से बॉन्ड, प्रतिभूति एवं अन्य वित्तीय साधनों के रूप में बैंकों के पास रखे गए थे.
बीते साल आई गिरावट
पिछले साल स्विस बैंकों के पास चार समूहों में रखी गई भारतीयों की संपत्ति में से सिर्फ जिम्मेदार लोग एवं ट्रस्ट वाले खंड में ही बढ़ोतरी देखी गई. अन्य तीनों खंडों- जमाओं, अन्य बैंकों के माध्यम से रखी गई और बॉन्ड एवं प्रतिभूति के खंड में गिरावट ही दर्ज की गई.
2006 में सबसे ज्यादा थी रकम
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स्विस बैंकों में भारतीयों की तरफ से रखी गई कुल राशि वर्ष 2006 में 6.5 अरब फ्रैंक के रिकॉर्ड स्तर पर थी जिसके बाद से इसमें कमोबेश गिरावट ही आई है. इस दौरान सिर्फ 2011, 2013, 2017, 2020 और 2021 में ही स्विस बैंकों के पास रखी भारतीय ग्राहकों की राशि में बढ़ोतरी हुई थी.