हाल के वर्षों में सोशल मीडिया पर वित्तीय मामलों को लेकर सलाह देने वाले इंफ्लुएंशर्स की भरमार हो गई है. इनमें से ज्यादातर लोग सेबी के पास वित्तीय सलाहकार के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है इसलिए बाजार नियामक ठोस नियम-कानून बनाने जा रहा है.
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मुंबई. सोशल मीडिया और यूट्यूब पर खासकर शेयर बाजार में निवेश को लेकर वित्तीय सलाह देने वाले फर्जी व नॉन सेबी रजिस्टर्ड इन्फ्लुएंशर्स की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं. बाजार नियामक SEBI सोशल मीडिया पर निवेश से जुड़ी सलाह देने वाले गैर-पंजीकृत ‘इंफ्लूएसर’ के बारे में नियमों एवं दिशा-निर्देशों को एक-दो महीने में अंतिम रूप दे देगा.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने बुधवार रात को निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवावददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वित्तीय ‘इंफ्लूएंसर’ के नियमन के लिए एक परिचर्चा पत्र तैयार किया जा रहा है और अगले 2 महीनों में इसे सार्वजनिक टिप्पणी के लिए जारी कर दिया जाएगा.
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सोशल मीडिया पर इंफ्लुएंशर्स की भरमार
पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया मंचों पर वित्तीय मामलों में सलाह देने वाले जानकारों की भरमार हो गई है. इनमें से अधिकतर सेबी के पास वित्तीय सलाहकार के रूप में पंजीकृत भी नहीं हैं. यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों पर वित्तीय सलाह देने वाले लोगों को लेकर सेबी पहले भी लोगों को आगाह करता रहा है. इसके साथ ही उसने इन गैर-पंजीकृत सलाहकारों के खिलाफ कदम उठाने का भी जिक्र किया था.
गैर पंजीकृत फाइनेंस इंफ्लुएंशर्स से परेशानी
सेबी प्रमुख ने कहा, ‘हमें इससे समस्या नहीं है कि कोई व्यक्ति निवेशकों को बाजार एवं निवेश के बारे में जागरूक करना चाहे. लेकिन अगर वे बिना किसी वजह के निवेश सलाह देते हैं और सेबी के पास पंजीकृत भी नहीं हैं तो हमें इससे गंभीर समस्या है.’
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उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब आयकर विभाग देश के शीर्ष 35 सोशल मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ को करोड़ों रुपये का कर भुगतान नहीं करने पर नोटिस भेज रहा है. पिछले हफ्ते केरल में 13 बड़े यूट्यूबर के ठिकानों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया था. ऐसी चर्चा है कि कुछ ‘इंफ्लूएंसर’ सोशल मीडिया मंचों पर दर्शक संख्या के आधार पर कमीशन के रूप में मोटी राशि पाते हैं और वे अपने सुझाए गए स्टॉक में लेनदेन कर उससे भी कमाई करते हैं.