सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में बड़ी तैयारी कर रही ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन और भारतीय कंपनी वेदांता ने अपना ज्वाइंट वेंचर खत्म कर दिया है. इसके बाद फॉक्सकॉन ने बयान जारी कर कहा है कि इस वेंचर के टूटने से योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा. सरकार ने भी दोनों कंपनियों की ओर से योजना को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है.
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नई दिल्ली. ताइवान की चिप मेकिंग कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) ने साफ कहा है कि वह भारत को छोड़कर कहीं नहीं जाएगी. भारत में अपना कारोबार आगे बढ़ाने के लिए कंपनी को पार्टनर्स की तलाश है. हम जल्द भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम लगाएंगे. भारत सरकार की ओर से लाई गई इंसेंटिव योजना पीएलआई (PLI) के तहत जल्द काम शुरू करने की तैयारी है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इस पर कहा है कि इससे चिप मेकिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों ही कंपनियां इस काम में आगे बढ़ना चाहती हैं.
Foxconn ने भारतीय कंपनी वेदांता (Vedanta) के साथ 19.5 अरब डॉलर के ज्वाइंट वेंचर को खत्म करने के बाद यह बयान जारी किया है. दोनों कंपनियां मिलकर पहले ज्वाइंट वेंचर में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की यूनिट लगाने की तैयारी में थीं. बाद में दोनों ने इस योजना से खुद को अलग कर लिया. Foxconn अब PLI योजना के तहत चिप बनाने का काम शुरू करेगी. कंपनी का कहना है कि वह इसके लिए पार्टनर्स तलाश कर रही है. इसमें भारतीय और विदेशी कंपनियां दोनों ही शामिल हो सकती हैं. जो विदेशी कंपनियां भारत में काम करने की इच्छुक हैं, उनका स्वागत है.
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सरकार की योजना का उठाएंगे फायदा
दुनिया की सबसे बड़ी चिप मेकर कंपनी Foxconn ने कहा है कि भारत सरकार के सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले फैब इकोसिस्टम के तहत 80 हजार करोड़ रुपये की फाइनेंशियल इंसेटिव का फायदा मिलेगा, जिससे प्रोजेक्ट लगाने के लिए 50 फीसदी पूंजी की मदद होगी. कंपनी ने कहा कि वह भारत को छोड़कर कहीं नहीं जा रही. आगे कहा, “हमने 2006 में भारत में एंट्री की थी और तब से यहीं पर हैं. हम भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं और सरकार की योजना के साथ मिलकर जल्द देश में सेमीकंडक्टर यूनिट पर निर्माण शुरू कर देंगे.”
चिप मैन्युफैक्चरिंग पर कोई असर नहीं : वैष्णव
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने फॉक्सकॉन और वेदांता का ज्वाइंट वेंचर टूटने के बावजूद निर्माण की उम्मीद जताई है. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि Foxconn और Vedanta दोनों ही मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. दोनों ही कंपनियां देश में चिप मेकिंग प्लांट पर काम करेंगी. इसका देश के सेमीकंडक्टर निर्माण योजना पर कोई असर नहीं होगा. गौरतलब है कि बीते साल फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों कंपनियों ने मिलकर PLI योजना के तहत आवेदन किया था.
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क्यों टूटी दोनों की साझेदारी
फॉक्सकॉन और वेदांता के अलग होने पर ताइवान की कंपनी ने जवाब दिया है. उसने कहा है कि दोनों कंपनियों के अलग होने के पीछे कोई निगेटिव कारण नहीं है. कुछ इश्यू की वजह से हमारा काम सुस्त चल रहा था. लिहाजा दोनों कंपनियों ने साथ मिलकर इस ज्वाइंट वेंचर से हटने का फैसला किया है. हम सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत आगे बढ़ते रहेंगे. इस फैसले का हमारे निवेशकों या कॉरपोरेट हेल्थ पर कोई असर नहीं पड़ेगा.