पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर दैनिक आधार पर होगी. सोमवार और शुक्रवार शीर्ष अदालत में विविध मामलों की सुनवाई के दिन हैं. इन दिनों में केवल नई याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है और नियमित मामलों की सुनवाई नहीं की जाती है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज से सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ बुधवार से रोजाना सुनवाई करेगी. पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं. पीठ ने 11 जुलाई को विभिन्न पक्षों द्वारा लिखित दलीलें और मामले की विवरणिका (कन्वीनिएंस कम्पाइलेशन) दाखिल करने के लिए 27 जुलाई की समय सीमा तय की थी.
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पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर दैनिक आधार पर होगी. सोमवार और शुक्रवार शीर्ष अदालत में विविध मामलों की सुनवाई के दिन हैं. इन दिनों में केवल नई याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है और नियमित मामलों की सुनवाई नहीं की जाती है. न्यायालय ने विवरणिका तैयार करने और इसे 27 जुलाई से पहले दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं और सरकार की तरफ से एक-एक वकील को नियुक्त किया था और यह स्पष्ट कर दिया कि उक्त तिथि के बाद कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जाएगा. एक विवरणिका अदालत को पूरे मामले का सार-संक्षेप देती है ताकि तथ्यों को शीघ्रता से समझने में सहायता मिल सके.
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इससे पहले आर्टिकल 370 को लेकर दायर अर्जी के केस टाइटल को सुप्रीम कोर्ट ने बदल दिया. शीर्ष अदालत की बेबसाइट पर ‘री आर्टिकल 370 ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन’ के नाम से केस लिस्ट हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में तमाम याचिकाकर्ताओ को केस टाइटल बदलने का भरोसा दिया था. मामले से जुड़े तमाम याचिकाकर्ताओं ने इलेक्ट्रॉनिक मोड में अपना लिखित जवाब दाखिल कर दिया है. आईएएस अधिकारी शाह फैसल और एक्टिविस्ट शेहला रशीद भी याचिकाकर्ताओं में शामिल थे. लेकिन इन दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं को वापस ले लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सहमित व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ताओं के रूप में उनके नाम हटा दिए. बता दें, 2010 बैच के आईएएस अधिकारी फैसल अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में अव्वल आने वाले पहले कश्मीरी हैं. उन्हें संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था. केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आए बदलाव पर जवाब दाखिल किया है. हालांकि, इसे कोर्ट में दलील के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा है कि अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया गया है, बल्कि उसके अंतर्गत जो प्रतिबंध थे, उन्हें हटाया गया है.