भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने टाटा ग्रुप की एयरलाइन एअर इंडिया-विस्तारा के विलय की अनुमति दे दी है. हालांकि यह अनुमति कुछ शर्तों पर निर्भर है.
नई दिल्ली. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने टाटा ग्रुप (Tata Group) की विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) और विस्तारा (Vistara) के विलय की अनुमति दे दी है. हालांकि यह अनुमति कुछ शर्तों पर निर्भर है. विस्तारा के मर्जर के बाद अब एअर इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी डोमेस्टिक एयरलाइन और सबसे बड़ी इंटरनेशनल एयरलाइन बन गई है.
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टाटा ग्रुप को उसके एयरलाइन कारोबार को बढ़ाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है. बता दें कि विस्तार एयरलाइन Tata SIA Airlines के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइन की ज्वाइंट वेंचर है.
सीसीआई ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर शुक्रवार को बताया कि उसने विलय को मंजूरी दे दी है. उसने कहा, “सीसीआई ने टाटा एसआईए एयरलाइंस के एअर इंडिया में विलय को और पार्टियों द्वारा प्रस्तावित स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं के अनुपालन के अधीन एअर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा कुछ शेयरों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है.”
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विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 फीसदी हिस्सेदारी
विस्तार और एअर इंडिया टाटा ग्रुप की पूर्ण-सेवा वाली एयरलाइंस हैं. विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 फीसदी हिस्सेदारी है. टाटा ग्रुप ने पिछले साल नवंबर में एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तार के विलय की घोषणा की, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस भी एअर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी.
विलय के लिए सीसीआई से अप्रैल में मांगी गई थी मंजूरी
प्रस्तावित विलय के लिए सीसीआई से इस साल अप्रैल में मंजूरी मांगी गई थी. इसमें टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल), एअर इंडिया लिमिटेड, टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल) और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड पक्ष बने हैं.