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चेक पर छपे होते हैं खास नंबर, खोल देते हैं बैंक अकाउंट की पूरी कुंडली, अच्छे-अच्छे को भी नहीं होता पता

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कभी न कभी तो चेक की जरूरत आपको पड़ी ही होगी. लेकिन, क्या कभी आपने गौर किया कि चेक पर लिखे नंबर्स पर? अकाउंट नंबर के अलावा ये नंबर्स किस काम आते हैं? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये नंबर आपके बैंक अकाउंट की पूरी कुंडली खोलकर रख देता है.

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नई दिल्ली. अगर आपका बैंक अकाउंट है तो चेकबुक (Cheque Book) का इस्तेमाल आमतौर पर आप भी करते ही होंगे. चेक पर आपके अकाउंट नंबर के अलावा नीचे की ओर कुछ नंबर लिखे होते हैं. ये नंबर 4 हिस्सें में बंटे होते हैं. आपमें से बहुत से लोगों ने इसे देखा भी होगा, लेकिन इन नंबरों की खासियत से बिल्कुल अंजान होंगे. असल में ये नंबर न सिर्फ आपके चेक को सबसे सेफ बनाते हैं. वहीं, इनके जरिए आपके अकाउंट से जुड़ी हर डिटेल पता चल सकती है.

आप सोच रहे होंगे कि ये जानना क्यों जरूरी है. इस तरह की जानकारी आपको काफी स्मार्ट बना सकती है. एक चेक आपके बैंक अकाउंट की पूरी कुंडली सबके सामने ला सकता है. जैसे MICR कोड के शुरू के तीन अंक छोड़कर अगले तीन अंक उस बैंक की जन्म कुंडली खोलते हैं, जो हर बैंक का एक यूनीक कोड होता है.

जान लें चेक पर लिखे नंबरों का मतलब
चेक पर ये 23 नंबर अलग अलग चार हिस्‍सों में लिखे होते हैं. इन 23 में से पहले 6 डिजिट नंबर आपके चेक नंबर को बताते हैं. यह हर चेक पर अलग अलग होते हैं. मसलन अगर किसी चेक पर 000042 है तो अगले चेक पर यह 000043 हो जाएगा. अगर आप चेक किसी को देते हैं या लेते हैं तो आपको य​ह चेक नंबर नोट कर लेना चाहिए. चेक खो जाने या पैसे अकाउंट में क्रेडिट न होने पर आप इसी नंबर से चेक स्टेटस की जानकारी ले सकते हैं.

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ये नंबर खोल देते हैं कुंडली
वहीं दूसरे हिस्‍से में 9 नंबर लिखे होते हैं. वह MICR कोड यानी मैगनेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्नाइजेशन है. यह नंबर तीन अलग-अलग भागों में बांटा जाता है. इससे चेक जारी होने वाले शहर, बैंक और ब्रॉन्च का पता चलता है. यह एक तरह से आपके बैंक ब्रॉन्च का पता होता है. MICR कोड के पहले तीन डिजिट सिटी कोड होते हैं. यह आपके शहर के पिन कोड के पहले तीन डिजिट के ही होते हैं. इस नंबर को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि किस शहर से आपका चेक आया है. अगले तीन अंक बैंक का यूनीक कोड होता है. इस कोड से आप बैंक का पता लगा सकते हैं. आखिरी तीन डिजिट ब्रांच कोड होते हैं. हर बैंक का अपना अलग ब्रांच कोड होता है. यह कोड बैंक से जुड़े हर ट्रांजैक्शन में इस कोड का प्रयोग किया जाता है.

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लास्ट 6 डिजिट का मतलब
तीसरे हिस्से में छपे 6 डिजिट इस बात को रिप्रेजेंट करता है कि आपका अकाउंट RBI द्वारा मेनटेन किया जाता है. जब चेक RBI में प्रोसेसिंग के लिए जाता है तो यह नंबर मदद करता है. अंतिम 2 डिजिट ट्रांजैक्शन कोड होते हैं. इससे पता चलता है कि चेक करंट अकाउंट का है या सेविंग्स अकाउंट का.

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