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भारत की राह पर चला जापान, मून मिशन किया लॉन्च, जानें चांद पर पहुंचने में कितना वक्त लगेगा?

Japan Moon Mission: जापानी एयरोस्पेश एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा लॉन्च किया जाने वाले मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ में रॉकेट एक लैंडर को ले जाएगा, जिसके चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली. जापान ने गुरुवार की सुबह राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के चंद्रमा लैंडर को ले जाने वाला रॉकेट H-IIA लॉन्च किया. मौसम की खराबी के चलते पिछले महीने एक हफ्ते में तीन बार मिशन स्थगित करने के बाद आखिरकार जापान ऐसा करने में सफल रहा. तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से एच-आईआईए रॉकेट के जरिए यह लॉन्चिंग की गई. बार-बार खराब मौसम के चलते जापानी अंतरिक्ष एजेंसी को मून मिशन की लॉन्चिंग की तारीख को बदलना पड़ा था. जापानी एयरोस्पेश एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा लॉन्च किया जाने वाले मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ में रॉकेट एक लैंडर को ले जाएगा, जिसके चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है.

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जापान के मून मिशन में ब्रह्मांड के विकास की जांच के लिए डिजाइन किया गया एक एक्स-रे इमेजिंग उपग्रह भी होगा. यह कार्यक्रम JAXA के यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम किया गया, जिसमें अंग्रेजी और जापानी दोनों भाषाओं में प्रसारण की पेशकश की गई. जापान काफी लंबे समय से अपने मून मिशन पर काम कर रहा है. जापान के मून मिशन में कई चीजें शामिल हैं. इस मिशन के तहत चंद्रमा पर जांच करने के लिए स्मार्ट लैंडर को उतारना है. जापानी अंतरिक्ष एजेंसी मून स्नाइपर को एच2ए रॉकेट के जरिए चांद पर भेज रही है. मून स्नाइपर में हाई टेक्नोलॉजी के कैमरे लगे हुए हैं, जो चांद को समझने के लिए काम करेगा. SLIM की चंद्र लैंडिंग अगले साल की शुरुआत में निर्धारित है.

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जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा चंद्रमा पर उतरने का यह पहला प्रयास है। इस साल मई में एक निजी जापानी कंपनी द्वारा किया गया पिछला प्रयास विफलता में समाप्त हो गया था. SLIM (चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर) एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है. इसकी तुलना में, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था. एसएलआईएम का मुख्य उद्देश्य चुनी गई साइट के 100 मीटर के भीतर सटीक लैंडिंग का प्रदर्शन करना है.

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा चंद्रमा पर उतरने का यह पहला प्रयास है। इस साल मई में एक निजी जापानी कंपनी द्वारा किया गया पिछला प्रयास विफलता में समाप्त हो गया था. SLIM (चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर) एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है. इसकी तुलना में, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था. एसएलआईएम का मुख्य उद्देश्य चुनी गई साइट के 100 मीटर के भीतर सटीक लैंडिंग का प्रदर्शन करना है.

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