नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शाम में ट्रेडिंग सेशन शुरू करने पर विचार कर रहा है. ट्रेडिंग समय बढ़ाने का मकसद निवेशकों और ट्रेडर्स को ओवरनाइट रिस्क को हेज करने की सुविधा देना है.
नई दिल्ली. क्या आप भी शाम को ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं? जी हां, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) अब तैयारी कर रहा है कि शाम का भी सेशन इंट्रोड्यूस किया जाए. यह फेज मेनर में हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, इसका समय 6 से रात 9 बजे तक होगा. इसमें मार्केट पार्टिसिपेंट्स फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में ट्रेड कर सकेंगे. बाद में इस टाइमिंग को बढ़ाकर रात 11:30 बजे करने का प्लान है. ट्रेडिंग समय बढ़ाने का मकसद निवेशकों और ट्रेडर्स को ओवरनाइट रिस्क को हेज करने की सुविधा देना है.
ये भी पढ़ें– Demat Account: छोटे निवेशकों का बढ़ा शेयर बाजार पर भरोसा, अगस्त में 26 फीसदी बढ़े डीमैट अकाउंट्स
उल्लेखनीय है कि विदेश से आने वाली निगेटिव खबरों का असर घरेलू शेयर बाजार पर दिख रहा है. पिछले कुछ सालों में ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता का असर घरेलू शेयर बाजार पर पड़ा है. इससे हर अगले दिन भारतीय बाजार में कारोबार की शुरुआत गिरावट या तेजी के साथ होती है. ऐसे में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इस उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए शाम में ट्रेडिंग सेशन शुरू करना चाहता है.
ये भी पढ़ें– JSW Infra IPO : आपके खाते में आए हैं शेयर्स या नहीं, इस तरीकें से कर सकते हैं चेक
घरेलू निवेशकों को भी मिलेंगे ज्यादा ट्रेडिंग के मौके
GIFT NIFTY में नॉन-ट्रेडिंग आवर्स में भी ट्रेडिंग हो रही है. इसमें ट्रेडिंग भारतीय बाजार में ट्रेडिंग के बाद होती है. भारतीय निवेशकों को भी इस तरह का मौका देने के लिए एनएसई इवनिंग ट्रेड शुरू करना चाहता है.
ये भी पढ़ें– शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए बड़ी खबर, BSE में 9 अक्टूबर से नहीं होंगे ‘स्टॉप लॉस’ ऑर्डर
8 माह में NSE पर नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन एक करोड़ बढ़ा
गौरतलब है कि एनएसई पर पिछले 8 माह में नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन एक करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गया है. इसके साथ ही एनएसई पर कुल निवेशकों की संख्या 8 करोड़ से अधिक हो गई है. एनएसई ने 28 सितंबर को एक बयान में कहा कि नए निवेशकों का रजिस्ट्रेशन सिर्फ बड़े शहरों तक केंद्रित नहीं है. नए रजिस्टर्ड निवेशकों में शीर्ष 100 शहरों से इतर इलाकों का हिस्सा 45% रहा है. विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में उत्तरी क्षेत्र का हिस्सा 43% रहा है. इसके बाद 27% के साथ पश्चिम का स्थान है. दक्षिण क्षेत्र का हिस्सा 17% और पूर्वी क्षेत्र का 13% रहा है.