401 Call Forwarding Scam: ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर स्कैम से अब तक लाखों लोग शिकार हुए हैं. हैकर्स लोगों का अकाउंट खाली करने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं. अब एक नया स्कैम सामने आया है, जहां स्कैमर्स अब एक कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम की मदद से फोन यूजर्स को निशाना बना रहे हैं.
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अपराधी यूजर को एक स्पैम कॉल करते हैं और खुद को मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर या इंटरनेट सेवा प्रदाता के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के रूप में पेश करते हैं. Jio, Airtel जैसी टेलीकॉम ऑपरेटरों ने यूजर्स को कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम के लिए एलर्ट किया है.
क्या है call forwarding scam?
Call Forwarding Scam सबसे खतरनाक स्कैम है. स्कैमर्स मोबाइल या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के रिप्रेजेंटेटिव के रूप में कॉल करते हैं. उनके इंटरनेट, अकाउंट सिक्योरिटी या सिम कार्ड के साथ कोई परेशानी होने का दावा करते हैं. वो तुरंत समस्या के समाधान के लिए कोड (जैसे 401) डालने को कहते हैं, जो स्कैमर्स के नंबर पर कॉल फॉरवर्डिंग को एक्टिव करता है.
इससे स्कैमर्स को कॉल तक पहुंच, वॉयस OTP को इंटरसेप्ट करने की सुविधा मिलती है. स्कैमर्स का सीधा-सीधा टारगेट बैंक अकाउंट डिटेल्स और संवेदनशील जानकारी चुराना होता है. ऐसे में कोड डायल करने से बचें और किसी से भी अपनी जानकारी शेयर न करें.
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स्कैमर्स ऐसे बहाने अपनाते हैं, जिससे सामने वाला यूजर मना न कर पाए. एक बार जब टारगेट को विश्वास में ले लिया जाए तो वो सरल सॉल्यूशन प्रदान करता है और फोन यूजर को एक नंबर डायल करने को कहता है, जो 401 से शुरू होता है. यूजर को समझ नहीं आता कि सामने वाला जालसाज है और वो कॉल फॉरवर्ड करने के लिए ऐसा कर रहा है.
कोड डायल करते ही स्कैमर कॉल फॉरवर्डिंग को एक्टिव करता है और आने वाली कॉल्स को अपने डिवाइस पर डायवर्ट करने की अनुमति मिलती है. यह स्कैमर वन टाइम पासवर्ड को भी एक्सेस करने की क्षमता रखता है. इस घोटाले का सिर्फ एक ही उद्देश्य है वित्तीय लाभ. वो गलत तरीके से फोन का एक्सेस लेते हैं और पैसा चुराते हैं. वो खासकर अनजान लोगों को निशाना बनाते हैं.
कैसे बचें?
कोड डायल करने से बचें: किसी भी तरह का कोड डायल न करें या किसी भी टेक्स्ट मैसेज का जवाब न दें. स्कैमर्स अधिकतर ऐसे तरीके अपनाते हैं.
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फोन को सुरक्षित रखें: अपने फोन को सुरक्षित रखने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन मेथर्ड का उपयोग करें.
कोई जानकारी शेयर न करें: कभी भी किसी से भी OTP शेयर न करें. डेटा शेयर करने से पहले सामने वाले को वेरिफाई कर लें.