सेबी (SEBI) की चेयरमैन माधबी पुरी बुच ने गुरुवार (16 नवंबर) को कहा कि सहारा के फाउंडर सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी सेबी ग्रुप के खिलाफ मामला जारी रखेगा. फिक्की के एक कार्यक्रम से इतर बुच ने कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं.
नई दिल्ली. सहारा ग्रुप (Sahara India Pariwar) के प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का मंगलवार (14 नवंबर) को देर रात निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद एक ओर शोक का माहौल है जबकि दूसरी ओर निवेशकों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. निवेशक सो है कि जो कुछ महीने पहले सहारा रिफंड पोर्टल के जरिये निवेश की गई राशि वापस मिल रही थी क्यो वह प्रोसेस रुक जाएगी? इस बीच मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) की चेयरमैन माधबी पुरी बुच ने गुरुवार (16 नवंबर) को कहा कि सहारा के फाउंडर सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी सेबी ग्रुप के खिलाफ मामला जारी रखेगा. फिक्की के एक कार्यक्रम से इतर बुच ने कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं.
ये भी पढ़ें– 80 लाख वाला फ्लैट 52 लाख में…आवास विकास ने सस्ते किये फ्लैट, आप भी उठाए फायदा
निवेशकों को केवल 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है, जबकि सहारा ग्रुप को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक जमा करने के लिए कहा गया था. रिफंड बेहद कम होने के सवाल पर बुच ने कहा कि पैसा निवेशकों द्वारा किए गए दावों के सबूत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के जरिए वापस किया गया है.
सेबी ने 2011 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIREL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (OFSD) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब 3 करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था. सेबी ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था.
ये भी पढ़ें– Gold Silver Price Today: सोने और चांदी में जोरदार तेजी, आज क्या है भाव?
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हक में सुनाया था पैसा
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने को कहा था. इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया. हालांकि ग्रुप लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 फीसदी से ज्यादा निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है.
ये भी पढ़ें– Jio Airtel की होगी छुट्टी, स्टारलिंक सस्ते में देगा इंटरनेट, जानें डिटेल
निवेशकों को 11 सालों में 138.07 करोड़ रुपये वापस
सेबी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट रेगुलेटर ने सहारा समूह की 2 कंपनियों के निवेशकों को 11 सालों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए. इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक अंकाउंट्स में जमा राशि बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. सहारा की 2 कंपनियों के अधिकतर बांडधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 7 लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई.