दिग्गज निवेशक चार्ली मंगर का मंगलवार देर रात निधन हो गया. उन्होंने अमेरिका एक हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली. वह बर्कशायर हाथवे के वाइस-चेयरमैन थे.
नई दिल्ली. दिग्गज निवेशक और दुनिया की जानी मानी इन्वेस्टिंग फर्म बर्कशायर हाथवे के वाइस चेयरमैन चार्ली मंगर का 28 नवंबर को 99 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने यूएस के कैलिफोर्निया में मंगलवार रात अपनी आखिरी सांस ली. बर्कशायर हाथवे ने एक बयान जारी इस खबर की पुष्टि की है. कंपनी ने कहा, “मंगर ने बगैर किसी पीड़ा के कैलिफोर्निया के एक हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली.” चार्ली मंगर को बर्कशायर हाथवे के चेयरमैन वॉरेन बफे का दाहिना हाथ कहा जाता था.
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मंगर का जन्म 1 जनवरी 1924 को हुआ था और आने वाले नववर्ष पर 100 साल के हो जाते. मंगर के निधन पर उद्योग जगत बड़े नामों ने शोक जताया है. ऐपल के सीईओ टिम कुक ने ट्वीट कर कहा, “महान उद्योगपति और अपने आसपास की दुनिया पर पैनी नजर रखने वाले चार्ली मंगर ने अमेरिकी इंस्टीट्यूशन को स्थापित करने में मदद की. अपनी बुद्धिमानी और समझ-बूझ से कई पीढ़ी के लीडर्स को प्रभावित किया. उनकी बहुत याद आएगी. रेस्ट इन पीस चार्ली.”
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वकील और रियल एस्टेट एक्सपर्ट
चार्ली मंगर एक वकील थे और उन्होंने हार्वर्ड से वकालत पढ़ी थी. उनके पिता भी एक वकील, जज और फिर जन-प्रतिनिधि रहे थे. मंगर वकील होने के साथ ही रियल एस्टेट में भी माहिर थे. वह लॉस एंजलिस की एक रियल एस्टेट फर्म टोल्स एंड ओल्सन में पार्टनर थे. हालांकि, 1978 में उन्होंने बर्कशायर हाथवे में आने के लिए वॉरेन बफे से हाथ मिलाया और उसके बाद उन्होंने दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की की. मंगर की ही सलाह पर बर्कशायर हाथवे ने चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता BYD में निवेश किया था.
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मंगेर की नेटवर्थ
बर्कशायर हाथवे को 780 अरब डॉलर की कंपनी बनाने में मंगर का बड़ा योगदान रहा. उनकी खुद की नेटवर्थ 2.6 अरब डॉलर है. भारतीय करेंसी में इसे देखा जाए तो उनकी नेटवर्थ 21000 करोड़ रुपये थी. मंगर कभी औपचारिक रूप से अपने पद से रिटायर नहीं हुए. 2017 में एक इंटरव्यू में बफे ने कहा था कि निवेश पर उनकी सोच बदलने का बड़ा श्रेय मंगर को जाता है.