सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से जानकारी मिली है कि बीती तिमाही में भारत की ग्रोथ रेट 7.6 प्रतिशत रही.
मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और सर्विस सेक्टर के बेहतर परफॉरमेंस के साथ देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट करेंट फाइनेंशियल ईयर की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी. सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
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इसके साथ भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीव्र इकोनॉमिक ग्रोथ रेट हासिल करने वाला देश बना हुआ है. चीन की GDP (Gross Domestic Product) ग्रोथ रेट इस जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही. USA की ग्रोथ रेट 5.2 प्रतिशत रही. रूस की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 5.5 प्रतिशत रही. फिलीप्पिंस की ग्रोथ रेट 5.9 प्रतिशत रही.
GDP से आशय देश में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से होता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में इंडियन इकोनॉमी की मजबूती को दर्शाते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दूसरी तिमाही के GDP आंकड़े वैश्विक स्तर पर कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं. हम अधिक अवसर पैदा करने, गरीबी के तेजी से उन्मूलन और हमारे लोगों के लिए जीवन को और सुविधाजनक बनाने के लिए तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार कृषि सेक्टर में सकल मूल्य वर्धन (GVA) ग्रोथ रेट 1.2 प्रतिशत रही जो 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2.5 प्रतिशत थी.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में GVA ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 13.9 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में GVA ग्रोथ रेट छह प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी.
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही में माइनिंग और उत्खनन में GVA बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया, जबकि एक साल पहले इसमें 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
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बिजली, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य जन केंद्रित सेवाओं की ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत से बढ़कर 10.1 प्रतिशत हो गई.
निर्माण सेक्टर की ग्रोथ रेट दूसरी तिमाही में बढ़कर 13.3 फीसदी रही. एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत थी.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ रेट 7.8 प्रतिशत पर बरकरार रही.
मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में आराम से 6.5 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल कर लेगी.
उन्होंने कहा कि भारत 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाकर अपनी GDP वृद्धि को कम करके आंक रहा है. कर उछाल के साथ ही मौजूदा कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट से यह स्पष्ट है.
सरकार का व्यय 12.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इससे पिछली तिमाही में इसमें 0.7 प्रतिशत की गिरावट हुई थी. कमजोर ग्रामीण मांग के कारण निजी खपत की वृद्धि छह प्रतिशत से घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई.
NSO ने एक बयान में कहा, ‘रीयल GDP या स्थिर (2011-12) कीमतों पर GDP के 2023-24 की दूसरी तिमाही में 41.74 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 38.78 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह इसमें 7.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत था.’
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इसी तरह मौजूदा कीमतों पर GDP 2023-24 की दूसरी तिमाही में 71.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 65.67 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह मौजूदा कीमतों पर GDP ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 9.1 प्रतिशत की ग्रोथ दर्शाती है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 17.2 प्रतिशत था.