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वित्त

इकॉनमी के मोर्च पर अच्छी खबर, देश की GDP दूसरी तिमाही में 7.6%, जानें क्या बोले PM मोदी

GDP Growth Rate: पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘दूसरी तिमाही के GDP के आंकड़े वैश्विक स्तर पर कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं.’

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GDP Growth Rate: विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6% रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई. इसके साथ भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीव्र आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है. चीन की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर इस जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही. GDP से आशय देश में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं.

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PM मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘दूसरी तिमाही के GDP के आंकड़े वैश्विक स्तर पर कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं. हम अधिक अवसर पैदा करने, गरीबी के तेजी से उन्मूलन और हमारे लोगों के लिए जीवन को और सुविधाजनक बनाने के लिए तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार कृषि क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (GVA) वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रही जो 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2.5 प्रतिशत थी.

विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 13.9 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में जीवीए वृद्धि दर छह प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी. आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन तिमाही में खनन और उत्खनन में जीवीए बढ़कर 10% हो गया, जबकि एक साल पहले इसमें 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी. बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य जन केंद्रित सेवाओं की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत से बढ़कर 10.1 प्रतिशत हो गई. निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दूसरी तिमाही में बढ़कर 13.3 फीसदी रही। एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत थी.

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत पर बरकरार रही. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में आराम से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर लेगी.

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उन्होंने कहा कि भारत 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाकर अपनी जीडीपी वृद्धि को कम करके आंक रहा है, कर उछाल के साथ ही मौजूदा कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर से यह स्पष्ट है. सरकार का व्यय 12.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इससे पिछली तिमाही में इसमें 0.7 प्रतिशत की गिरावट हुई थी. कमजोर ग्रामीण मांग के कारण निजी खपत की वृद्धि छह प्रतिशत से घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई.

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