नई दिल्ली: तेलंगाना में कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल कर केसीआर की पार्टी बीआरएस से सत्ता छीन ली है और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
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56-वर्षीय नेता का शपथ ग्रहण समारोह यहां दोपहर एक बजकर चार मिनट पर विशाल एलबी स्टेडियम में आयोजित किया गया.
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के अलावा करीब एक लाख लोग शामिल रहे.
रेड्डी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए लोगों को खुला निमंत्रण दिया था और कहा कि ‘जनता की सरकार’ आज कार्यभार संभालेगी, जो लोकतांत्रिक तथा पारदर्शी शासन को महत्व देगी.
राज्य की मुख्य सचिव ए शांति कुमारी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रवि गुप्ता ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बुधवार को समारोह स्थल का निरीक्षण भी किया था. राज्य के डीजीपी रवि गुप्ता ने बुधवार को कहा कि यातायात सुगम बनाने और अन्य तरह की पुख्ता व्यवस्था की गई है ताकि जनता को कम से कम असुविधा हो.
हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हराकर 119 में से 64 सीट जीती हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मेंबर के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले रेवंत रेड्डी ने अब राज्य में पार्टी को जीताकर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है.
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उस्मानिया विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले रेड्डी ने छात्र जीवन में एबीवीपी से राजनीति की शुरुआत की.
2007 में वो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में एमएलसी चुने गए और फिर तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हो गए. 2009 में उन्होंने टीडीपी उम्मीदवार के रूप में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव जीता. 2014 में उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में 46.45 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की. 2017 में टीडीपी छोड़कर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया. 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़े, लेकिन तत्कालीन टीआरएस (बीआरएस) उम्मीदवार से चुनाव हार गए. यह किसी भी चुनाव में उनकी पहली हार थी.
साल 2019 की आम चुनाव उन्होंने मल्काजगिरी से लड़ा और 10 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीत गए. 2021 में एन उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया.
2017 में कांग्रेस का दामन थामने वाले नेता की कार्यशैली के बारे में प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने जमकर आलोचना की. हालांकि, पार्टी आलाकमान ने उनका समर्थन जारी रखा और उन्हें राज्य के एक बड़े चेहरे के रूप में पेश किया.
रेड्डी ने भी इसका जमकर फायदा उठाया और केसीआर सरकार के फैसलों की जमकर आलोचना की. इसके लिए उन्हें राज्य में ‘टॉर्च बियरर’ (रास्ता दिखाने वाला) नाम भी दिया गया था.
चुनाव जीतने के बाद रेड्डी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह लोगों का जनादेश है. हमें पोस्टमॉर्टम करने की ज़रूरत नहीं है. सब कुछ ठीक रहता है, तभी आपको वह जादुई नंबर मिलेगा. सीधी बात यह है कि वे (लोग) बदलाव चाहते थे. वे केसीआर (के. चंद्रशेखर राव) को हराना चाहते थ. उन्होंने केसीआर को हरा दिया है. बस इतना ही.”
मुख्यमंत्री ने जीत के बाद कांग्रेस के सहयोगियों, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और तेलंगाना जन समिति को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास प्रगति भवन का नाम बदलकर ‘प्रजा भवन’ कर दिया गया है.