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Punjab Roadways Strike: पंजाब रोडवेज प्रबंधन की चेतावनी, नोटिस भेज कहा- हड़ताल गैरकानूनी, जा सकती है कांट्रेक्ट वर्कर्स की नौकरी

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मनुपाल शर्मा, जालंधर। पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर गए कांट्रेक्ट वर्कर्स पर अब पंजाब रोडवेज ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पंजाब रोडवेज प्रबंधन की तरफ से अब पंजाब रोडवेज एवं पनबस के हड़ताली कांट्रेक्ट मुलाजिमों को चेतावनी नोटिस भिजवाने शुरू कर दिए गए हैं। डिपो स्तर से संबंधित जनरल मैनेजर (जीएम) की तरफ से ये नोटिस हड़ताली कांट्रैक्टर मुलाजिमों के पते पर डाक के जरिए भिजवाए जा रहे हैं। इससे पहले कार्यालय की तरफ से हड़ताली मुलाजिमों को नोटिस बाय हैंड लेने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन मुलाजिमों के इनकार करने के बाद अब नोटिस डाक के जरिए भिजवाए जा रहे हैं।

इन नोटिसों में हड़ताल को गैरकानूनी बताते हुए कांट्रेक्ट खत्म करने की चेतावनी दी जा रही है। नोटिस में यह भी लिखा गया है कि काम नहीं तो वेतन नहीं भी लागू होगा। इसके अलावा कांट्रेक्ट के मुताबिक सेवाएं भी समाप्त की जा सकती हैं। यूनियन के राज्य उपचेयरमैन बलविंदर सिंह राठ ने कहा कि हड़ताल संबंधी 40 दिन पहले लिखती नोटिस प्रबंधन को दिया गया था। हड़ताल के संबंध में परिवहन मंत्री, परिवहन सचिव, डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट, एमडी पीआरटीसी के साथ पर बैठकें भी हो चुकी हैं।

डिपो अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह भुल्लर एवं चेयरमैन जगबीर सिंह ने कहा की मांगों को मानने के बजाय वर्करों के ऊपर दबाव डालकर हड़ताल खत्म कराने की नाकाम कोशिश की जा रही है। यह 15 वर्ष से ठेकेदारी सिस्टम के तहत काम कर रहे मुलाजिमों का शोषण है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

6 सितंबर से हड़ताल पर हैं कांट्रेक्ट वर्कर्स

बता दें कि पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कांट्रेक्ट वर्कर्स रेगुलर किए जाने की मांग को लेकर 6 सितंबर से हड़ताल पर हैं। उनके काम ठप करने से करीब 2000 सरकारी बसों का संचालन ठप हो गया है। इससे विशेष तौर पर लंबे रूट की हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के लिए बहुत कम संख्या में सरकारी बसें चल पा रही हैं जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोडवेज को भी रोजाना करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंच रहा है।

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