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महिलाओं के लिए सवाल: घर खरीदना Vs किराए पर रहना, कौन सा ऑप्शन बेस्ट, एक्सपर्ट की सलाह से लें फैसला

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Women should buy home to live or stay on rent: घर खरीदना या घर किराए पर लेना, यह किसी भी महिला या पुरुष का एकदम निजी फैसला है. ये फैसला उसकी विभिन्न जरूरतों, कारकों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. साथ ही, अपना खुद का घर लेना ज्यादातर मामलों में हर किसी का सपना होता है. महिलाओं का खासतौर से घर को लेकर भावनात्मक लगाव अपेक्षाकृत अधिक होता है. बावजूद इसके, सालों साल से निवेश सलाहकार और वित्तीय मामलों के जानकार अक्सर यह कहते पाए गए हैं कि किराए का मकान घर खरीदने से बेहतर विकल्प है. इस पर हमने टैक्स और निवेश मामलों के जानकार बलवंत जैन से बात की…

Rent or buy home, best option for woman: क्या अपने मालिकाना हक वाला घर एक भावनात्मक ख्वाब है? या फिर खुद का घर एक जरूरत भी है? यह एक बड़ा सवाल है जिसके जवाब में हम भारतीय पारंपरिक रूप से इसे जरूरत और सपना, दोनों, से जोड़ते हैं. अपवादों को छोड़ दें तो महिलाओं के लिए घर जीवन की धुरी रहा है. वह घर जिस पर मालिकाना हक भी अपना ही हो, यह भी उसका सपना रहा है. लेकिन बदलते दौर में, महंगाई और जीवन के पैटर्न में हुए बदलावों के बाद यह सवाल अक्सर उठता रहा है कि अपना मकान खरीदना सही फैसला है या फिर किराए पर रहा जाए… यदि आप लड़की है, चाहे घरेलू, पार्ट टाइम वर्कर, रिमोट वर्कर या फिर फुल टाइम वर्किंग वीमन, आपको इस बाबत जरूर विचार करना चाहिए कि आपके पास खुद का घर हो या फिर किराए का घर लेकर रहना ही सही है. हमने टैक्स और निवेश मामलों के जानकार बलवंत जैन से इस मसले के इर्द गिर्द कई सवाल किए.

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मकान की खरीददारी कोई आम शॉपिंग नहीं, बल्कि एक मोटी रकम का निवेश है. बैंक आमतौर पर केवल 80 फीसदी का होमलोन देते हैं, बाकी 20 फीसदी आपको खुद अपनी बचत से देना होता है. इसलिए खऱीदने से पहले यह पैसा इकट्ठा करना होगा और इसके लिए हो सकता है आपको किराए पर रहना पड़े.

शादीशुदा Vs सिंगल महिला: किसे क्या करना बेहतर

महिलाओं के संदर्भ में बात करें तो यदि कोई महिला शादीशुदा है, या फिर आजीवन परिवार के साथ रहेंगी, और फिलहाल किराए पर रह रही हैं, तो उनके लिए लंबे समय तक या आजीवन (किराए पर रहना) एक परिस्थितिजन्य विकल्प हो सकता है. क्योंकि, घर बदलने आदि से जुड़े झमेलों से निपटने में उस महिला के साथ पूरा परिवार (पति, पिता, भाई, बच्चे आदि) होंगे. लेकिन यदि वह सिंगल हैं तो उन्हें समय रहते मकान खऱीदने की प्लानिंग करनी शुरू कर देनी चाहिए

बलवंत जैन कहते हैं कि घर खरीदना है या किराए पर लेना है, इस पर बहस करने के बजाय, सवाल यह होना चाहिए कि घर कब खरीदना चाहिए और कब किराए के मकान में रहना बेस्ट है. एक बार शहर डिसाइड हो जाए तो उसके बाद खऱीदने की दिशा में कोशिश और प्लानिंग होनी चाहिए. महिलाओं के लिए घर सेंस ऑफ सेटिसफेकशन की फीलिंग भी देता है. अपने घर में जो संतुष्टि, खुशी और सम्मान महिला को महसूस होता है वह पुरुषों के मुकाबले अधिक है.

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मकान खरीदना इसलिए भी जरूरी….

यदि महिला भविष्य में अकेली रह जाती है, या फिलहाल भी वह सिंगल रह रही है, तब उसे जरूर मकान खरीदना चाहिए. यह खऱीददारी उसे उस शहर में करनी चाहिए जहां वह रहने के लिए पूरी तरह से तैयार हो. एक बार शहर डिसाइड हो जाए तो बसने के लिए होमलोन आदि पर योजना बनाएं. सिंगल महिला को अपने लिए सेफ्टी और सिक्यॉरिटी के लिए भी मकान खऱीदना चाहिए. 

किराए का मकान मिलना बदलते समय के साथ और भी मुश्किल होता जा रहा है, लिव इन में रहने वाले लोगों को भी कई बार शहरों में मकान लेने में दिक्कत आती हैं. बलवंत जैन कहते हैं कि अकेले मकान बदलने और किराए के मकान के झंझट से जूझना लंबे समय तक संभव नहीं, नौकरी और आय के वोलाटाइल होने पर किराए का मकान रेंटल खर्चे से बचाएगा. उपरोक्त कारकों और कारणों पर गौर करते हुए आप यह फैसला लें कि आप अपने लिए क्या सही समझती हैं, इसी हिसाब से आगे बढ़ें.

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