शनिवार से चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हो गई। हालांकि, पहले दिन सभी धामों में ज्यादातर स्थानीय श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वीकेंड पर बाहर से आए कुछ श्रद्धालुओं ने भी इस ओर रुख किया। अभी तक केदारनाथ के लिए गौरीकुंड से 342 श्रद्धालु रवाना हो चुके हैं। हेमकुंड यात्रा के लिए 100 श्रद्धालु पहुंचे हैं। राज्य सरकार ने चारों धामों में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को धामों में दर्शन के लिए जाने की अनुमति प्रदान की हुई है। बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में 400 और हेमकुंड में 1000 श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति है। देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण और देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से ई-पास लेकर ही यात्रा की अनुमति दी जा रही है।
हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार को विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के दौरान 100 से अधिक श्रदालु मौजूद रहे। इस दौरान सभी श्रदालुओं ने पहली अरदास में भाग लिया। शनिवार सुबह नौ बजे पंच प्यारों की अगुआई में सचखंड से गुरुग्रंथ साहिब को दरवार साहिब में लारया गया। इसके बाद सुखमणी का पाठ, शबद किर्तन और इस साल की पहली अरदास हुई।
हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। हेमकुंड साहिब में गुरु गोविंद सिंह के चरणों में अरदास की। यात्रा की समाप्ति की तारीख़ ट्रस्ट की ओर से अभी निश्चित नहीं की गई है तथा मौसम को देखकर बाद में फ़ैसला लिया जाएगा। पूरा प्रयत्न किया जाएगा की यात्रा को जितना ज़्यादा से ज़्यादा समय के लिए खोला जाए ताकी सभी दर्शन कर सकें। कहा यात्री कृपया ऋषिकेश गुरुद्वारा में ट्रस्ट कार्यालय में पंजीकरण कराकर पास लेकर ही प्रस्थान करें।