पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन के खतरों को देखते हुए केंद्र सरकार ने हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर के साथ 60 वर्ष से अधिक आयु वाले कई बीमारियों के शिकार बुजुर्गों को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का फैसला किया है। केंद्र के फैसले के बाद बिहार ने भी बूस्टर डोज की तैयारियां शुरू कर दी है। राज्य स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार 16 जनवरी से 16 फरवरी के बीच वैक्सीन की डोज लेने वाले हेल्थ वर्करों को सूचीबद्ध कर इन्हें प्राथमिकता के आधार पर बूस्टर डोज देने की योजना है। इसके बाद 20 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर डोज दी जाएगी। इनके साथ ही बचे हुए हेल्थ वर्कर भी बूस्टर डोज लेते रहेंगे।
सबसे पहले हेल्थ वर्कर को मिलेगी बूस्टर डोज
जनवरी से फरवरी के बीच प्रदेश के 5.29 हेल्थ वर्कर में से तकरीबन सवा दो लाख हेल्थ वर्कर को वैक्सीन की डोज दी गई थी। ऐसे लोगों को विभाग ने सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है। केंद्र की गाइड लाइन मिलने के बाद 10 जनवरी से सूचीबद्ध हेल्थ वर्कर को बूस्टर डोज दी जाएगी। हेल्थ वर्कर के बाद फ्रंटलाइन वर्कर और इसके बाद 60 वर्ष से अधिक आयु के वैसे लोगों को बूस्टर डोज मिलेगी, जो कई प्रकार की बीमारियों का शिकार है।
- 5.29 लाख हेल्थ वर्कर को बिहार में लगेगी बूस्टर डोज
- फरवरी के पहले सप्ताह से फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर
- इसके बाद ही 60 वर्ष से अधिक बीमार को मिलेगी डोज
33 प्रतिशत बुजुर्गों को पड़ेगी बूस्टर डोज की जरूरत
बिहार में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में हेल्थ वर्कर की कुल संख्या 5.29 लाख करोड़ है। जबकि फ्रंटलाइन वर्कर की संख्या 5.52 लाख और 60 से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 94 लाख है। इनमें से करीब 33 प्रतिशत बुजुर्ग कई प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इनको डाक्टर की सलाह पर बूस्टर डोज दी जा सकेगी।