कांग्रेस की चुनावी सूची में चौबट्टाखाल से केसर सिंह को प्रत्याशी बनाया गया। इससे साफ हो गया कि हरक सिंह चौबट्टाखाल की टिकट दौड़ से बाहर हो गए। हरक समर्थक टिकट पर नजर लगाए हुए थे। टिकट न मिलने से हरक सिंह नाराज तो नहीं हैं, इसे भांपने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव हरक से मिलने पहुंचे। हालांकि इससे पहले की मुलाकात होती, हरक लैंसडोन के लिए रवाना हो चुके थे। हरक सिंह भी चौबट्टाखाल से टिकट का इंतजार कर रहे थे। उम्मीद यही जताई जा रही थी कि शायद कांग्रेस हरक को चौबट्टाखाल के चुनावी मैदान में उतार दे।
चौबट्टाखाल से टिकट न मिलने से हरक सिंह नाराज बताए जा रहे थे। हालांकि ये नाराजगी अंदरुनी तौर पर रही। बाहर खुल कर न हरक और उनके समर्थक विरोध जता रहे हैं। कुछ समर्थकों को उम्मीद रही कि शायद अंतिम समय में चौबट्टाखाल से टिकट बदल जाए। हरक की इसी नाराजगी को भांपते हुए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव सीधे हरक के डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर मिलने को रवाना हुए।
बीच रास्ते में ही प्रभारी को बताया जाता है कि हरक दून से लैंसडोन के लिए रवाना हो गए हैं। तत्काल प्रभारी की ओर से हरक को फोन मिलाया गया। फोन पर दोनों के बीच लंबी बात हुई। बकौल हरक, चुनावी प्रचार को लेकर प्रभारी के साथ बात हुई। किस तरह किन किन सीटों पर उन्हें प्रचार करना है, इसे लेकर रणनीति बनी। चौबट्टाखाल को लेकर प्रभारी के साथ क्या बात हुई, इस सवाल पर हरक सिर्फ मुस्करा दिए।
मैंने पहले ही साफ कर दिया था कि इस बार चुनाव नहीं लड़ूंगा। बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। अपने प्रभाव वाली हर सीट पर कांग्रेस का प्रचार करुंगा। चौबट्टाखाल से टिकट देने न देने का अधिकार कांग्रेस पार्टी के पास है। मैं टिकट न मिलने से नाराज नहीं हूँ। क्योंकि मैं दावेदार था ही नहीं।
हरक सिंह रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री