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Supreme Court: सरकारी नौकरियों में SC/ST को Reservation in Promotion के मुद्दे पर आ गया सुप्रीम फैसला, जानिए क्या

सरकारी नौकरियों में SC/ST को प्रोमोशन के मामले में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब ये राज्य सरकारों को तय करना है. जानिए पूरी डिटेल्स

Supreme Court On Reservation in Promotion:: सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) को पदोन्नति में आरक्षण (Reservation In Promotion) के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में कहा है कि  राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने से पहले इससे संबंधित डेटा एकत्र करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि संविधान पीठ के फैसलों के बाद नया पैमाना नहीं बनाया जा सकता है

पहले ही कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि अदालत सिर्फ इस मुद्दे पर फैसला करेगा कि आरक्षण अनुपात पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर होना चाहिए या नही. इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह एससी और एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने के अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगा, क्योंकि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करते हैं. 

अब राज्य सरकारों को करना होगा तय

सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले के बाद अब गेंद राज्यों को पाले में चला गया है. आज लंबे समय से लंबित सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. पहले ही इस मुद्दे पर सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को प्रमोशन में आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी.जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले पर अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों की ओर से पेश हुए अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुना था.

26 अक्टूबर 2021 को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने अपनी दलील देते हुए कहा था कि ये भी एक सच्चाई है कि आज़ादी के 75 सालों बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया जा सका है.

केंद्र के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि एससी और एसटी समुदाय से आने वाले लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना ज़्यादा मुश्किल है. लिहाज़ा अब वक्त आ गया है जब सर्वोच्च अदालत रिक्तियों को भरने के लिए एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले लोगों के लिए कुछ ठोस आधार दे.

2017 से लंबित मामलों पर रुकी हुई है नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने याचिका दायर कर पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मामलों पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की वजह से देश भर में लाखों पदों पर नियुक्तियां रुकी हुई हैं. सुनवाई के दौरान राज्यों की तरफ से कहा गया कि केंद्र सरकार के स्तर पर नियमित पदों के लिए पदोन्नति हुई थी, लेकिन देश भर में आरक्षित पदों पर पदोन्नति 2017 से अटकी हुई है.

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