कामत ने अपने ट्वीट में कहा है कि इनवेस्टर्स को यह चेक कर लेना चाहिए कि क्या उन्हें कोई शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है, जिस पर 15 फीसदी का टैक्स बन रहा है।
जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) ने इनवेस्टर्स को 31 मार्च के पहले टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग (Tax-Loss Harvesting) का पूरा फायदा उठाने की सलाह दी है। उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया है। टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग ऐसा तरीका है, जिससे आप अपनी टैक्स लायबिलिटी घटा सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग?
अगर शेयरों से कैपिटंल गेंस पर आपकी टैक्स लायबिलिटी बन रही है तो फिर टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग आपके लिए फायदेमंद है। टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग का प्रोसेस क्या है, यह किस तरह के इनवेस्टर्स के लिए है, इससे टैक्स लायबिलिटी कितनी कम हो सकती है? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।
टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग का प्रोसेस क्या है?
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अगर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है, जिस पर आपकी टैक्स देनदारी बन रही है तो आप टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग का फायदा उठा सकते हैं। इससे आपका टैक्स कम हो जाएगा। इसके लिए आपको अपने पोर्टफोलियो के ऐसे शेयरों को बेचने होगा, जिन पर आपको लॉस हो रहा है। इसका मतलब है कि आपने जिस प्राइस पर शेयर खरीदे थे, उसके मुकाबले प्राइस नीचे आ गया है।
अभी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स 15 फीसदी है। अगर आप किसी शेयर को खरीदने के एक साल के अंदर बेच देते हैं तो उससे हुए मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं। इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए आपने A नाम की कंपनी के शेयर 100 रुपये में खरीदा है। 9 महीने बाद उस शेयर की कीमत बढ़कर 150 रुपये हो जाती है। अगर आप प्रॉफिट कमाने के लिए इस शेयर को बेच देते हैं तो आपको हुए 50 रुपये के मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहा जाएगा।
शेयर से हुए 50 रुपये के मुनाफे पर आपको शार्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा। इसकी दर 15 फीसदी है। इस तरह आपका टैक्स 7.5 रुपये (50 रुपये का 15 फीसदी) बनेगा। मान लीजिए आपने A कंपनी के 1000 शेयर खरीदे थे तो आपका टैक्स बहुत ज्यादा बनेगा। 15 फीसदी टैक्स चुकाने से आपका कुल रिटर्न घट जाएगा। यहां टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग आपकी काफी मदद कर सकता है।
मान लीजिए कि आपके पोर्टफोलियो में ऐसे शेयर हैं, जो आपको नुकसान दे रहे हैं। इन्हें आपने एक साल के अंदर खरीदा था। तो ऐसे शेयर को आप लॉस में बेच सकते हैं। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए आपने B कंपनी के शेयर कुछ महीने पहले खरीदे थे। एक शेयर के लिए आपने 100 रुपये की कीमत चुकाई थी। लेकिन, अब शेयर का भाव गिरकर 50 रुपये पर आ गया है। आप इन्हें बेचकर होने वाले नुकसान को A कंपनी के शेयर से कैपिटल गेंस के साथ एडजस्ट कर सकते हैं। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी घट जाएगी।
नितिन कामत ने क्या कहा है?
कामत ने अपने ट्वीट में कहा है कि इनवेस्टर्स को यह चेक कर लेना चाहिए कि क्या उन्हें कोई शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है, जिस पर 15 फीसदी का टैक्स बन रहा है। अगर ऐसा है तो फिर इनवेस्टर्स को यह चेक करना होगा कि उनके पोर्टफोलियो में कोई ऐसा शेयर है, जिस पर शॉर्ट-टर्म लॉस हो रहा है। उन्होंने कहा है कि यह पोर्टफोलियो से उन शेयरों को हटाने का अच्छा तरीका है जो अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहे हैं।