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दुनिया

भारत ने चीन का कर दिया काम तमाम, श्रीलंका में इस बड़े प्रोजेक्ट को किया टेकओवर

भारत (India), श्रीलंका (Sri Lanka) में तीन बिजली प्रोजेक्ट (Hybrid Power Projects) लगाएगा. इसको पहले चीन बनाने वाला था. इसको लेकर भारत और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों ने MOU पर हस्ताक्षर किए. 

  • भारत, श्रीलंका में हाइब्रिड बिजली परियोजनाएं लगाएगा
  • जाफना के तीन द्वीपों पर बनने हैं प्रोजेक्ट
  • भारत और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों ने किए हस्ताक्षर

कोलंबोः भारत (India), श्रीलंका (Sri Lanka) के शहर जाफना (Jaffna) के तीन द्वीपों में हाइब्रिड बिजली परियोजनाएं लगाएगा. इस परियोजना को पहले चीन द्वारा स्थापित किया जाना था. इसको लेकर पिछले साल कोलंबो और बीजिंग में सहमति बनी थी.

MoU पर किए गए हस्ताक्षर 

‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और उनके श्रीलंकाई समकक्ष जीएल पेइरिस के बीच समझौता पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं. इससे पहले भारत, श्रीलंका के पूर्वी सम्पुर शहर में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के सौर उद्यम और उत्तर में मन्नार और पूनरिन में अडानी समूह की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समझौते कर चुका है. यह भारत की तीसरी ऊर्जा परियोजना है.

पहले चीन को मिली थी अनुमति

बता दें कि जनवरी 2021 में श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने चीनी फर्म सिनोसोअर-एटेकविन को नैनातिवु, डेल्फ्ट या नेदुनथीवु और एनालाइटिवू द्वीपों में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बनाने की मंजूरी दी थी. इसके बाद भारत ने तमिलनाडु से मुश्किल से 50 किमी दूर खाड़ी में चीनी परियोजना के आने पर चिंता व्यक्त की थी.

ग्रांट के तौर पर बनाएगा भारत

अब भारत इस परियोजना को लोन की बजाय अनुदान के रूप में पूरा करेगा. कोलंबो (Colombo) ने इस परियोजना को बनाने के लिए अंतिम मंजूरी देने के लिए एक साल से अधिक का समय ले लिया था. इसके बाद कोलंबो ने इस परियोजना को सस्पेंड कर दिया था, जिसके बाद चीन इस परियोजना से बाहर हो गया था.

चीन ने की आलोचना

इसको लेकर हाल ही में एक प्रेस वार्ता में कोलंबो में चीन (China) के राजदूत ने अज्ञात कारणों के लिए परियोजनाओं के बाधित होने पर आलोचना की थी और कहा था कि इससे विदेशी निवेशकों को गलत संदेश गया है.

बंदरगाह करेगा विकसित

इस बीच भारत और श्रीलंका एक समुद्री बचाव समन्वय केंद्र स्थापित करने पर भी सहमत हुए हैं. इसके लिए 6 मिलियन डॉलर के भारतीय अनुदान को पिछले सप्ताह कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत भारत उत्तरी प्रांत में प्वाइंट पेड्रो, पेसलाई और गुरुनगर में मत्स्य पालन बंदरगाह विकसित करने में मदद करेगा. इसके साथ ही कोलंबो के दक्षिण में बालापिटिया में कंप्यूटर लैब के साथ दक्षिणी गाले जिले में स्कूलों को सपोर्ट करेगा. 

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