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HDFC और HDFC बैंक क्यों मर्जर कर रहे हैं, क्या योजना है और इसका क्या असर होगा? जानें

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एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड ने विलय की घोषणा की है। हालांकि ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल हो सकते हैं कि यह विलय क्यों किया जा रहा है इसका लाभ क्या होगा या विलय की योजना क्या होगी। चलिए ऐसे कुछ सवालों का जवाब जानते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड ने सोमवार को अपने विलय की घोषणा की, जिससे भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़े सौदों में से एक के लिए मंच तैयार हो गया। विलय की घोषणा से दोनों के शेयर की कीमतों में तेज वृद्धि हुई। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि भारत के सबसे बड़े बंधक ऋणदाता हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) का निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होगा।

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क्या है विलय की योजना?

एचडीएफसी बैंक की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, ‘ट्रांसफॉर्मेशनल मर्जर से एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड 41 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।’ दीपक पारेख ने कहा कि इसे 15 से 18 महीनों में आवश्यक नियामक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

क्या होगा शेयर एक्सचेंज रेश्यो?

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एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बीच 42:25 का शेयर एक्सचेंज रेश्यो होगा। आसान शब्दों में कहें तो एचडीएफसी लिमिटेड के प्रत्येक 25 इक्विटी शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 इक्विटी शेयर होंगे। मर्जर के लिए आरबीआइ सहित नियामकों के अप्रूवल्स की जरूरत है।

स्वामित्व में क्या बदलाव होगा?

इस सौदे के बाद एचडीएफसी बैंक में सार्वजनिक हिस्सेदारी 100% होगी जबकि एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक की लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

क्यों कर रहे हैं विलय?

एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक मर्जर के साथ खुद को और मजबूत करने की कोशिश में हैं। प्रस्तावित विलय का परिणाम एचडीएफसी बैंक के असुरक्षित ऋणों के जोखिम के अनुपात को कम करने और पूंजी आधार को मजबूत करने के रूप में हो सकता है।

विलय से दोनों कंपनियों को कैसे फायदा होगा?

इससे बड़े ग्राहक आधार पर उत्पादों को क्रॉस-सेल करने की क्षमता में सुधार होगा। इस कदम से इन्हें शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।

विलय से निवेशकों में दिखा उत्साह

एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की घोषणा के बाद निवेशकों में उत्साह दिखाई दिया। इनके शेयरों में 12 फीसदी से भी ज्यादा का उछाल देखने को मिला।

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