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धर्म

अक्षय तृतीया पर करें भगवान विष्णु और पितरों को प्रसन्न, घर में आएगी सुख एवं समृद्धि

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अक्षय तृतीया इस वर्ष 03 मई दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. अक्षया तृतीया या आखा तीज (Akshaya Tritiya Or Akha Teej) पर भगवान विष्णु की पूजा किस प्रकार से करें और पितरों को प्रसन्न कैसे करें, इसके बारे में जानते हैं.

अक्षय तृतीया का पावन दिन हर वर्ष वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को होता है. इस वर्ष 03 मई दिन मंगलवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी. इस अवसर पर आप भगवान विष्णु और पितरों को प्रसन्न करके अपने घर में सुख एवं समृद्धि ला सकते हैं. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है और पितरों को तृप्त करके अपनी उन्नति करने का शुभ अवसर है. अक्षया तृतीया या आखा तीज (Akshaya Tritiya Or Akha Teej) पर भगवान विष्णु की पूजा किस प्रकार से करें और पितरों को प्रसन्न कैसे करें, इसके बारे में जानते हैं श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से.

अक्षय तृतीया 2022 तिथि एवं मुहूर्त

पंचांग के आधार पर वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ 03 मई को प्रात: 05:18 बजे से हो रहा है. यह तिथि 04 मई को प्रात: 07:32 बजे तक मान्य रहेगी. उदयातिथि के अनुसार अक्षय तृतीया 03 मई दिन मंगलवार को मनाई जाएगी.

इस दिन अक्षय तृतीया पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 05:39 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक है. इस दिन आपको पूजा अर्चना के लिए साढ़े छह घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा. हालांकि इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है, इसलिए आप कोई भी शुभ कार्य किसी भी समय कर सकते हैं.

अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की पूजा विधि

आज के दिन प्रात: स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र धारण करके पूजा स्थान की सफाई कर लें. उसके बाद श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा सफेद या पीले गुलाब या फिर सफेद कमल के फूल से करें. इस दिन दो कलश लें. एक कलश को जल से भर दें और उसमें पीले फूल, सफेद जौ, चंदन और पंचामृत डालें. उसे मिट्टी के ढक्कर से ढक दें और उस पर फल रखें.

इसके बाद दूसरे कलश में जल भरें और उसके अंदर काले तिल, चंदन और सफेद फूल डालें. पहला कलश भगवान विष्णु के लिए और दूसरा कलश पितरों के लिए होता है. दोनों कलश की विधिपूर्वक पूजा करें. उसके बाद दोनों कलश को दान कर दें. ऐसा करने से भगवान विष्णु और पितर दोनों ही प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है. दोनों के आशीर्वाद से परिवार में सुख एवं समृद्धि आती है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं.इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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