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सरकार अगस्त में लॉन्च करेगी स्वदेशी 5G तकनीक, दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास के लिए शुरू किया फंड

5G

सरकार को इस साल अगस्त तक स्वदेशी रूप से विकसित 5G तकनीक लॉन्च कर सकती है। वर्ल्ड समिट ऑफ इंफॉर्मेशन सोसाइटी (WSIS) 2022 में दूरसंचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने इसकी जानकारी दी। सरकार दूरसंचार प्रौद्योगिकी के विकास के फाइनेंस के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट फंड भी शुरू किया है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। दूरसंचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान के अनुसार, सरकार के इस साल अगस्त तक स्वदेशी रूप से विकसित 5G तकनीक शुरू करने की उम्मीद है। उन्होंने बुधवार को जिनेवा में यूएन बॉडी ITU द्वारा आयोजित वर्ल्ड समिट ऑफ इंफॉर्मेशन सोसाइटी (WSIS) 2022 में बोलते हुए यह टिप्पणी की। चौहान ने कहा कि सरकार दूरसंचार प्रौद्योगिकी के विकास के फाइनेंस के लिए एक रिसर्च और डेवलपमेंट फंड भी शुरू किया है।

भारत ने एक स्वदेशी 4G स्टैक विकसित किया है जिसमें 4G कोर और रेडियो एक्सेस नेटवर्क हैं। इनको भारत में डिजाइन किया गया है और इनका परीक्षण भी भारत में ही किया गया है। यह ऑपरेटरों को किसी भी विक्रेता( वेंडर) को चुनने में मदद करता है, लागत कम करता है और आसान विस्तार को सक्षम बनाता है। चौहान ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि स्वदेशी 5G स्टैक को भी अगस्त 2022 तक शुरू किए जाने की उम्मीद है। IT प्रमुख TCS NSE और राज्य की दूरसंचार अनुसंधान फर्म CDoT स्वदेशी 5G तकनीक विकसित करने में लगी हुई है, जिसे BSNL नेटवर्क पर तैनात किए जाने की संभावना है। इसके अलावा चौहान ने बताया कि ICT बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से छह लाख गांवों को जोड़ा जा रहा है। सैटलाइट संचार सेवाओं और पनडुब्बी केबल नेटवर्क के माध्यम से छोटे और दूरदराज के द्वीपों और अन्य दुर्गम क्षेत्रों को भी जोड़ा जा रहा है।

बताया जा रहा है कि मंत्री ने नीति समन्वय के लिए जापान के उप मंत्री युजी सासाकी के साथ द्विपक्षीय चर्चा की जहां उन्होंने 5G और नेटवर्क की सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर चर्चा की। चौहान ने ईरान के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इस्सा ज़ारेपुर के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। इसके अलावा, मंत्री ने जापानी उद्योग से भारत में अपने अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने पर विचार करने का आग्रह किया। बता दें कि यह छोटे विकास के साथ शुरू हो सकता है और मूल कंपनियों की वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक पूर्ण विकास केंद्र तक बढ़ाया जा सकता है।

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