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NPS में करते हैं निवेश तो आपके लिए अच्छी खबर, गारंटीड पेंशन पर हो रहा है विचार

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NPS Investment: पेंशन फंड रेग्युलेटर PFRDA नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) के तहत मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न पर विचार कर रहा है. योजना के मुताबिक, एनपीएस के लिए गारंटीड पेंशन प्रोग्राम (Guaranteed pension programme) को इंट्रोड्यूस किया जा सकता है. इसे 30 सितंबर से लागू करने की योजना है. पिछले कुछ समय से महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. इस समय यह सात फीसदी के करीब है. ऐसे में अगर किसी निवेश पर 7 फीसदी से ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है तो निवेशकों को नेट आधार पर नुकसान हो रहा है. दूसरी तरफ रुपए की वैल्यु भी लगातार घट रही है.

PFRDA के चेयरपर्सन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने बेंगलुरू में मीडिया से बात करते हुए हुए कहा कि मिनिमम अश्योर्ड रिटर्न की दिशा में काम चल रहा है. संभव है कि इसे 30 सितंबर 2022 से लागू कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि पिछले 13 सालों में एनपीएस ने अपने निवेशकों को 10 फीसदी से ज्यादा का कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ (CAGR) दिया है. औसतन रिटर्न 10.27 फीसदी के करीब है. हमारा लक्ष्य अपने सब्सक्राइबर्स को महंगाई से बचाकर रखना है.

NPS का फंड 7.7 लाख करोड़ का

पीएफआरडीए चेयरपर्सन ने कहा कि अपने देश में पेंशन असेट्स का आकार 35 लाख करोड़ रुपए का है. इसमें 22 फीसदी यानी 7.72 लाख करोड़ का असेट एनपीएस के साथ लिंक है. टोटल फंड का 40 फीसदी ईपीएफओ के पास है. एनपीएस के तहत सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेजी से उछाल आ रहा है. इस साल अब तक 9.76 लाख एनरोलमेंट किए गए हैं. उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 20 लाख नए एनरोलमेंट होंगे.

टायर-1 और टायर-2 अकाउंट क्या होते हैं?

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NPS में दो तरह के अकाउंट होते हैं जिसे Tier-1 और Tier-2 अकाउंट कहा जाता है. टायर-2 एक सेविंग अकाउंट की तरह होता है. इसमें निकासी को लेकर किसी तरह की मनाही नहीं है. टायर-1 अकाउंट को आपके भविष्य को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इससे निकासी करने के भी नियम हैं. रिटायरमेंट से पहले इस अकाउंट से आंशिक निकासी की जा सकती है. 5 सालों तक इस अकाउंट में जमा करने के बाद फंड का 25 फीसदी तक निकाला जा सकता है. इस अकाउंट से अधिकतम 3 बार निकासी की जा सकती है.

प्रीमैच्योर एग्जिट को लेकर क्या नियम है?

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अगर आप किसी NPS अकाउंट से प्रीमैच्योर एग्जिट करना चाहते हैं तो 10 साल के बाद इसकी सुविधा मिलती है. अगर 60 साल बाद इसमें निवेश शुरू किया जाता है तो 3 साल बाद प्रीमैच्योर एग्जिट की सुविधा उपलब्ध है. अगर किसी इंडिविजुअल ने इस स्कीम से निकलने का फैसला भी कर लिया है तो वह फंड का 20 फीसदी तक एकमुश्त पा सकता है. 80 फीसदी राशि एन्युनिटी प्लान खरीदना जरूरी है. अगर फंड की कुल रकम 2.5 लाख से कम है तो पूरी रकम निकाली जा सकती है.

अधिकतम 60 फीसदी एकमुश्त निकालना संभव

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जैसा कि हम जानते हैं, नेशनल पेंशन सिस्टम एक रिटायरमेंट स्कीम है जो 60 साल की उम्र में पूरी तरह मैच्योर होती है. ऐसे में 60 साल पूरा होने के बाद कॉर्पस का अधिकतम 60 फीसदी ही एकमुश्त निकाल सकता है. 40 फीसदी राशि से एन्युनिटी प्लान खरीदना जरूरी है. अगर टोटल फंड 5 लाख से कम है तो पूरी रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है.

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