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Layoffs: इस भारतीय IT कंपनी ने कम कर दी नई भर्तियां, कहा- चिंता न करें कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित

ज़ोहो (Zoho) के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बु ने कहा, “हम अभी भी लोगों को काम पर रख रहे हैं लेकिन हायरिंग प्रोसेस को बहुत धीमा कर दिया है. लेकिन मैं यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि कि हमारे कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित हैं.

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नई दिल्ली. मंदी की आशंका और बिजनेस में गिरावट के चलते ट्विटर और मेटा जैसी दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर दी. इसी कड़ी में भारतीय आईटी कंपनी ज़ोहो (Zoho) ने भी नई भर्तियों को कम कर दिया है. ज़ोहो के को-फाउंडर और सीईओ श्रीधर वेम्बु ने चेताया कि ग्लोबल टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी, जिसके चलते उन्होंने कंपनी में हायरिंग प्रोसेस को धीमा कर दिया है.

ज़ोहो के दुनिया भर में 11,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. जुलाई में कंपनी ने ऐलान किया था कि वह भारत और विश्व स्तर पर अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए 2000 कर्मचारियों को काम पर रखेगी. वेम्बू ने कहा कि कंपनी ने पहले घोषित योजनाओं के अनुसार अधिकांश कर्मचारियों को काम पर रखा है.

‘हम अब भी लोगों को काम पर रख रहे हैं’
श्रीधर वेम्बु ने कहा, “हम अभी भी लोगों को काम पर रख रहे हैं लेकिन हायरिंग प्रोसेस को बहुत धीमा कर दिया है. लेकिन मैं यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि कि हमारे कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित हैं. जोहो के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीधर वेम्बु ने ज़ोहोलिक्स इंडिया-बूटस्ट्रैप्ड सॉफ़्टवेयर-एज़-ए-सर्विस के मौके पर एक साक्षात्कार में यह बात कही.

टेक्नोलॉजी कंपनीज के लिए मुश्किल वक्त
पिछले कुछ महीने वैश्विक टेक उद्योग के लिए कठिन रहे हैं. इस साल अमेरिका में टेक्नोलॉजी शेयर से जुड़े नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में लगभग 30% की गिरावट आई है. सार्वजनिक बाजारों से धन का ह्रास होने के साथ, अधिकांश तकनीकी कंपनियों को अब पूंजी जुटाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि निवेशकों ने बिगड़ती व्यापक आर्थिक स्थितियों के बीच अपने पर्स को कस दिया है.

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नकदी की कमी से जूझ रही टेक कंपनियां अब लागत में कटौती कर रही हैं. मार्केटिंग के खर्च पर नियंत्रण लगाने से लेकर कर्मचारियों की छंटनी तक, कंपनियां अपनी बेहतर वित्तीय सेहत सुनिश्चित करने के लिए कई तरीकों का सहारा ले रही हैं.

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