भारतीय रिजर्व बैंक( RBI)ने नियमों की अनदेखी कर रहे नौ सहकारी बैंकों पर बड़ा एक्शन लिया है। आरबीआई ने 9 को ऑपरेटिव बैंकों (Coopertive Banks) पर लाखों का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर इसकी
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जानकारी दी है, जिसके मुताबिक अलग-अलग बैंकिंग नियमों के उल्लघंन मामले में इन सहकारी बैंकों पर करीब 12 लाख का जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक जिन बैंकों पर पेनल्टी लगाई गई है उनमें बेरहामपुर सहकारी शहरी बैंक, उस्मानाबाद जनता सहकारी बैंक, संतरामपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जमशेदपुर शहरी सहकारी बैंक ,रेणुका नागरिक सहकारी बैंक, कृष्णा मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक
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लिमिटेड के अलावा केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नवानगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
इन बैंकों पर 12 लाख रुपए का जुर्माना
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक इन बैंकों पर 25 हजार रुपए से लेकर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक बेरहामपुर सहकारी शहरी बैंक (ओडिशा) पर 3.10 लाख रुपए का जुर्माना
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लगाया गया है। जबकि महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जनता सहकारी बैंक पर 2.5 लाख रुपए, वहीं गुजरात के संतरामपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर 2 लाख का जुर्माना लगाया गया है। बैंकिंग अधिनियमों की अनदेखी के कारण मध्य प्रदेश के जिला सहकारी बैंक पर 1 लाख तो झारखंड के जमदेशपुर शहरी सहकारी बैंक पर भी 1 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा
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छत्तीसगढ़ के रेणुका सहकारी बैंक पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। वहीं मध्य प्रदेश के कृष्णा मर्केंटाइल सहकारी बैंक पर 50 हजार, ओडिशा के केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भी 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जबकि गुजरात के नवानगर सहकारी बैंक पर 25 हजार का जुर्माना लगा है।
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बैंक पर पेनल्टी लगने पर खाताधारकों पर क्या होगा असर?
आरबीआई ने कहा है कि बैंकों द्वारा विनियामक अनुपालन में कमियों के कारण उनपर ये जुर्माना लगाया गया है। हालांकि आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंकों पर लगाए गए इस जुर्माने से ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा। यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की इस कार्रवाई से इन बैंकों के खाताधारकों को घबराने की जरूरत नहीं है। बैंकों और ग्राहकों के बीच जारी लेनदेन पर कोई असर नहीं होगा। मतलब इन बैंकों के खाताधारकों पर इस कार्रवाई का कोई असर नहीं होगा।
बैंक का लाइसेंस रद्द होने पर खाताधारकों का क्या?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जहां कुछ बैंकों पर पेनल्टी लगाई है तो वहीं हाल ही में एक बैंक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया था। आरबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक 12 नवंबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक लिमिटेड बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था। हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बैंकिंग नियमों की अनदेखी के कारण कई बैंकों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि अगर किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है तो खाताधारकों पर क्या असर होगा। आरबीआई की ओर से हर बैंक जमाधारक को DICGCअधिनियम, 1961 के तहत बैंक जमा बीमा सुरक्षा मिलती है। इसके मुताबिक बैंक खाताधारकों को 5 लाख रुपए की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा सुरक्षा मिलती है। यानी अगर बैंक डूब जाता है या लाइसेंस रद्द हो जाता है तो प्रत्येक खाताधारक कम से कम 500000 रुपए जमा बीमा दावा राशि पाने का हकदार है।
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साल 2021-22 में DICGC ने किया 8516.6 करोड़ का क्लेम सेटलमेंट
हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 के दौरान डीआईसीजीसी ( DICGC) के तहत करीब 8516.6 करोड़ रुपए का क्लेम सेटलमेंट किया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बंद हुए बैंकों या जिन बैंकों का लाइसेंस रद्द किया गया है उन बैंकों के खाताधारकों को बैंक जमा बीमा के तहत ये रकम जारी की गई है। इस, अवधि के दौरान DICGC ने 12.94 लाख जमाकर्ताओं का फंसा पैसा उन्हें वापस किया है। आपको बता दें कि डीआईसीजीसी आरबीआई के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक खाताधारकों को बैंक जमा पर बीमा कवर देती है। इससे बैंक जमा पर ग्राहकों को सुरक्षा का भरोसा मिलता है।