अगर एयरलाइन टिकट को डाउनग्रेड करता है या वह पैसेंजर को बोर्डिंग से मना करता है तो उस एयरलाइन को उस पैसेंजर को टैक्स सहित रिफंड करना होगा.
नई दिल्ली. सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) उन यात्रियों को मुआवजा देने के नियम जल्द ही जारी करेगा जिनके यात्रा टिकट को एयरलाइंस ने उनकी मर्जी के बगैर ही ‘डाउनग्रेड’ कर दिया हो. डीजीसीए यह कदम यात्रियों को जारी किए गए टिकटों को उनकी मर्जी के बगैर ही डाउनग्रेड कर दिए जाने के बारे में बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर उठाने जा रहा. अगर एयरलाइन टिकट को डाउनग्रेड करता है या वह पैसेंजर को बोर्डिंग से मना करता है तो उस एयरलाइन को उस पैसेंजर को टैक्स सहित रिफंड करना होगा.
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डीजीसीए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इन संशोधनों के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यात्रियों की मर्जी के बिना उनके टिकट को डाउनग्रेड करने पर एयरलाइंस उनको टिकट का टैक्स समेत पूरा रिफंड उपलब्ध कराएंगी. इसके अलावा उस यात्री को वह एयरलाइन अगली उपलब्ध उड़ान में मुफ्त यात्रा भी कराएगी.
इन स्थितियों में मिलेगा रिफंड
डीजीसीए अपने नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) नियम में संशोधन की तैयारी कर रहा है. सीएआर का संबंध एयरलाइंस की तरफ से बोर्डिंग से इनकार करने, उड़ानों को रद्द करने और उड़ानों में देरी के कारण यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित है. इसमें टिकट को डाउनग्रे़ड किए जाने के संबंध में यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रावधान किए जाएंगे. साथ ही अगर फ्लाइट कैंसिल होती है तो एयरलाइन पर 10 हदार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. अगर बोर्डिंग से मना किया तो 20 हजार रुपये की जुर्माना राशि का प्रस्ताव भी है.
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अगले साल फरवरी तक लागू हो सकते हैं नियम
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए नियम अगले साल फरवरी में लागू हो सकते हैं. डीजीसीए ने इसके लिए सभी हितधारकों से 30 दिनों में सुझाव और आपत्तियां देने की अपील की है. अगर इस ड्राफ्ट को हर तरह से हरी झंडी मिल जाती है तो आने वाले समय में एयर पैसेंजर्स को बड़ी राहत मिलेगी. उनकी परेशानियां कम हो सकेंगी.