Guru Pradosh Vrat 2023: गुरु प्रदोष व्रत माघ कृष्ण त्रयोदशी तिथि को है. इस व्रत को करने से शत्रु परास्त होते हैं. इस बार गुरु प्रदोष व्रत पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है.
Guru Pradosh Vrat 2023: माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत को करने से सुख, भाग्य, धन आदि बढ़ता है. दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गुरु प्रदोष व्रत करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है. ऐसे ही जो लोग शनि प्रदोष व्रत रखते हैं, उनको पुत्र की प्राप्ति होती है. दिन अनुसार प्रदोष व्रत का फल भी अलग-अलग होता है. इस बार गुरु प्रदोष व्रत की पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त बना हुआ है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव से जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत कब है और पूजा का मुहूर्त क्या है?
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गुरु प्रदोष व्रत 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जनवरी दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 18 मिट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 20 जनवरी शुक्रवार को सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर होगा. इस व्रत में त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल की पूजा का मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है, इसलिए गुरु प्रदोष व्रत 19 जनवरी को ही रखा जाएगा.
गुरु प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त
इस दिन तो सुबह से ही पूजा पाठ प्रारंभ हो जाता है, लेकिन शाम की पूजा का महत्व है. 19 जनवरी के गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ है. यह प्रदोष मुहूर्त रात 08 बजकर 30 मिनट तक मान्य है. इस मुहूर्त में विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
गुरु प्रदोष की पूजा समय पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त
इस बार गुरु प्रदोष व्रत के पूजा समय पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त बना है. यह शाम 05 बजकर 49 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 30 मिनट तक है. यह मुहूर्त पूजा पाठ या शुभ कार्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इसके बाद से चर सामान्य मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा. गुरु प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह से ही ध्रुव योग बना हुआ है. यह रात 11 बजकर 04 मिनट तक रहेगा.
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गुरु प्रदोष पर शिववास भी
गुरु प्रदोष व्रत के दिन शिववास भी है. इस दिन नंदी पर भगवान शिव का वास दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक है. शिववास रुद्राभिषेक के लिए महत्वपूर्ण होता है. जिस दिन शिववास होता है, उस दिन ही रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. शिववास की भी कई स्थितियां, जिसमें रुद्राभिषेक नहीं होता है.
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
जो लोग अपने विरोधियों या शत्रुओं से परेशान हैं. वे आप पर हावी है, तो उनके प्रभाव को खत्म करने के लिए आप गुरु प्रदोष व्रत रख सकते हैं. इस दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में विधिपूर्वक पूजन करें और गुरु प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करें. शिव जी की कृपा से आपकों शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी.