भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ एग्रीमेंट नवीनीकरण की डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया है. केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि समय सीमा को इस साल 31 दिसंबर तक चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा. इसके तहत 30 जून, 2023 तक 50 फीसदी, 30 सितंबर और 2023 तक 75 फीसदी तक प्रोसेस पूरा किया जाएगा. RBI ने बैंकों से कहा है कि वे स्टॉम्प पेपर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करके एग्रीमेंट नवीनीकरण के प्रोसेस को आसान बनाने के लिए जरूरी व्यवस्था करें.
फ्रीज लॉकर्स को चालू करने के निर्देश
इसके अलावा RBI ने एक जनवरी 2023 से जो लॉकर्स एग्रीमेंट नहीं होने के चलते फ्रीज हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से चालू करने के निर्देश दिए हैं. रिजर्व बैंक ने अगस्त 2022 में एक सर्कुलर जारी सेफ डिपॉजिट लॉकर से जुड़े नए नियम जारी किए थे. इस नियम के तहत बैंकों को एक जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर्स होल्डर्स के साथ एग्रीमेंट रिवाइज करना था. ये नियम पुराने लॉकर्स होल्डर्स पर लागू होने थे. नए ग्राहकों पर ये नियम जनवरी 2022 से ही लागू हैं.
क्या है नया नियम?
ये भी पढ़ें– Ration Card: राशन कार्डधारकों की लगी लॉटरी, अब गेहूं-चावल के साथ ये सामान भी मिलेगा मुफ्त! जारी हुआ आदेश
नए नियमों के तहत बैंकों को खाली लॉकरों की लिस्ट और वेटिंग लिस्ट दिखानी जरूरी होगी. इसके अलावा बैंकों के पास लॉकर के लिए कस्टमर्स से एक बार में ज्यादा से ज्यादा तीन साल का किराया लेने का अधिकार होगा. सबसे बड़ी बात यह कि किसी ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में बैंक की शर्तों का हवाला देकर अब मुकरा नहीं जा सकेगा, बल्कि ग्राहक की पूरी भरपाई हो सकेगी.
जिम्मेदारियों से नहीं बच सकेंगे बैंक
ये भी पढ़ें– Budget 2023: एक फरवरी को पेश होने वाला है बजट, आसान भाषा में समझें अपने काम की बात
RBI के संशोधित नियमों के मुताबिक, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त तो शामिल नहीं हैं, जिससे ग्राहक को नुकसान होने पर बैंक आसानी से किनारा कर सके. आरबीआई ने बैंक ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए नियमों में ये चेंज किया है. कई बार देखने को मिलता है कि बैंक एग्रीमेंट के शर्तों का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लेते हैं.
ये भी पढ़ें– सैलरीड क्लास को बजट 2023 से ये हैं 5 उम्मीदें, क्या बढ़ेगी Income Tax की लिमिट?
RBI Rule’s के अनुसार, बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखी सामग्री के किसी भी नुकसान के मामले में बैंक भुगतान करने के पात्र होंगे. बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे परिसर की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं, जिसमें लॉकर हैं. यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बैंक की है कि नुकसान आग, चोरी/डकैती, इमारत का गिरना बैंक के परिसर में उसकी अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक/कमीशन के कारण नहीं हो सके.