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Budget 2023: एक फरवरी को पेश होने वाला है बजट, आसान भाषा में समझें अपने काम की बात

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से एक फरवरी को बजट पेश किया जाने वाला है। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है। इस कारण बजट में कई महत्वपूर्ण ऐलान हो सकते हैं। ऐसे में आपके लिए बजट को समझना जरूरी है। हम अपने लेख में बजट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण शब्दावली लेकर आए हैं, जो इसमें आपकी मदद करेंगे।

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जीडीपी (GDP)

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी भी देश की भौगोलिक सीमाओं के अंदर एक वित्त वर्ष में उपयोगकर्ता द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य होता है। इसमें सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली रक्षा, शिक्षा, हेल्थ सर्विसेज को भी शामिल किया जाता है।

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नॉमिनल जीडीपी और रियल जीडीपी (Nominal GDP and Real GDP)

बजट पेश होने के दौरान कई बार आपको नॉमिनल जीडीपी और रियल जीडीपी जैसे शब्द सुनाई देंगे। एक वित्त वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की गणना बाजार मूल्य पर भी की जाती है, जो वैल्यू आपके प्राप्त होती है, उसे नॉमिनल जीडीपी कहा जाता है। इसमें महंगाई और मंदी दोनों को शामिल किया जाता है। वहीं, रियल जीडीपी में एक वित्त वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की गणना आधार वर्ष के आधार पर की जाती है और इससे जो वैल्यू प्राप्त होती है, उसे रियल जीडीपी कहा जाता है।

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जीएनपी (GNP)

सकल राष्ट्रीय उत्पाद(GNP) किसी देश के निवासियों की ओर से किए गए उत्पादन और सेवाओं का मूल्य होता है। यह जीडीपी और किसी देश के निवासियों के विदेशी निवेश से शुद्ध आय के बराबर है।

राजस्व और पूंजीगत बजट (Revenue and Capital Budgets)

केंद्रीय बजट में राजस्व और पूंजीगत बजट शामिल होते हैं। राजस्व बजट सरकार की संपत्ति और देनदारियों में बदलाव नहीं करता है, जबकि पूंजीगत बजट करता है। पूंजीगत प्राप्तियां और पूंजीगत भुगतान (व्यय) पूंजीगत बजट बनाते हैं, जबकि राजस्व प्राप्तियां और राजस्व व्यय राजस्व बजट बनाते हैं।

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राजस्व घाटा (Revenue Deficit)

जब राजस्व व्यय प्राप्तियां से अधिक होता है, तो फिर हम उसे राजस्व घाटा कहते हैं।

सकल राजकोषीय घाटा (Gross Fiscal Deficit)

सरकार के कुल व्यय और उसकी कुल गैर-उधार प्राप्तियों के बीच का अंतर को सकल राजकोषीय घाटा कहा जाता है, इसे आमतौर पर राजकोषीय घाटा भी कहते हैं।

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