All for Joomla All for Webmasters
दिल्ली/एनसीआर

दिल्ली: ‘हिंदू का स्कूल था, इसलिए दंगाइयों ने लगा दी आग’, कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन पर तय किए आरोप

दिल्ली दंगों के दौरान स्कूल जलाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीन लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं. शमीम अहमद, मोहम्मद कफील और फैजान पर आगजनी करने का आरोप था. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आरोप यही पाए हैं. कोर्ट कहा कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट ने कहा कि दंगाइयों का उद्देश्य हिंदू संपत्ति को नुकसान पहुंचाना था. स्कूल हिंदू का था, इसलिए उस पर हमला किया गया.

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दंगा करने, गैरकानूनी समूह बनाने, घातक हथियारों का इस्तेमाल करने, चल-अचल संपत्ति जलाने और सरकारी आदेश का उल्लंघन करने समेत कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं.

ये भी पढ़ें– ट्रेन से भी सस्ता हवाई जहाज का टिकट! इस ऑफर में बुक करा लें सीट

जानकारी के मुताबिक ब्रजपुरी रोड पर मॉडर्न पब्लिक स्कूल में तोड़फोड़ और आग लगाई गई थी. वहां खड़ी गाड़ियों में भी आग लगाई गई थी. इसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल समेत कई लोगों ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराकर एफआईआर करवाई थी. दिल्ली पुलिस ने मामले में आरोपी फैजान को भगोड़ा घोषित किया था.

19 जनवरी को बरी हो गया एक आरोपी

ये भी पढ़ें– Stock Market: बाजार में रहा मिलाजुला रुख, सेंसेक्स 37 अंक मजबूत होकर हुआ बंद, निफ्टी फ्लैट

दिल्ली 2020 के दंगों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में स्थानीय अदालत ने रोहित नाम के आरोपी को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को साबित करने में विफल रहा.

एजेंसी के मुताबिक आरोपी रोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिस पर एक गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था. उस पर आरोप था कि रोहित भी दंगे में शामिल था. उसने दुकानों और घरों में तोड़फोड़, चोरी और आगजनी की थी. 

ये भी पढ़ें– Zomato में 800 लोगों को मिलेगी नौकरी, सीईओ ने किया एलान, इन 5 पदों पर होगी भर्ती

पहला मामला गोकलपुरी में 25 और 26 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात हुए दंगों की घटनाओं के लिए दर्ज किया गया था. जबकि दूसरा मामला 25 फरवरी 2020 को दंगे की इसी तरह की घटनाओं के लिए दर्ज किया गया था.

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि चर्चा और टिप्पणियों से यह अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि अभियोजन पक्ष दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को साबित करने में विफल रहा. न्यायाधीश ने रोहित को दोनों मामलों में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी कर दिया.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top