Garuda Purana: सनातन धर्म में कुल 4 वेद और 18 महापुरण हैं, जिनमें से एक गरुड़ पुराण भी है. गरुड़ पुराण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे आमतौर पर किसी की मृत्यु के बाद पढ़ा जाता है. गरुड़ पुराण में मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक कई ऐसी बातों से रहस्य हटाया गया है जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है. इसके अलावा गरुड़ पुराण में कई महत्वपूर्ण बातों का भी जिक्र किया गया है जो कि व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि हासिल कराने में मदद करती हैं. अक्सर लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि क्या मृत्यु के तुरंत बाद ही किसी को नया जन्म मिल जाता है? या मृत्यु के बाद आत्मा कब तक घर में रहती है? ऐसी ही कई सवालों का जवाब गरुड़ पुराण में दिया गया है. आइए जानते हैं आत्मा से जुड़े कई खास रहस्यों के बारे में.
मृत्यु के बाद कब मिलता है नया जन्म?
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गरुड़ पुराण के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो आत्मा को नया जन्म मिलने में अलग-अलग समय लगता है. कोई आत्मा तत्काल ही दूसरा जन्म ले लेती है, तो किसी को 3 दिन लगते हैं. वहीं किसी को 10 और किसी को 13 दिन का समय भी लगता है. यह सब कुछ मनुष्य के जीवन में किए गए कर्मों के आधार पर होता है. वहीं किसी आत्मा को नया जन्म लेने में सवा महीने का भी समय लगता है. लेकिन अगर किसी का अपनों से गहरा मोह हो या अकाल मृत्यु हुई है तो उसे दूसरा जन्म लेने में कम से कम एक साल का समय भी लग जाता है.
13 दिन तक घर में रहती है आत्मा
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जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो वहां 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है. कहते हैं कि 13 दिनों तक आत्मा घर में वास करती है और अपनों से मोह के कारण उसे वहां से जाने में समय लगता है. इसलिए गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है ताकि उसके श्रवण मात्र से आत्मा को शांति मिले और मोह भंग हो. क्योंकि कई बार अधिक मोह के कारण मृत्यु के बाद आत्मा अपना घर व परिवार नहीं छोड़ पाती. गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आगे की यात्रा के बारे में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा को किन-किन बातों से गुजरना पड़ता है.