Flaxseeds Reduced Bad Cholesterol: शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. एक कोलेस्ट्रॉल तो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है जबकि दूसरा कोलेस्ट्रॉल बहुत गंदा होता है जो हार्ट में खून पहुंचाने वाली धमनियों को ब्लॉक करने लगता है. लेकिन अगर अलसी के बीज का नियामित सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल धमनियों से गलकर बाहर आ सकता है.
Flaxseeds Reduced Bad Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल इंसान के लिए बहुत ही जरूरी चीज है. यह एक तरह का फैट हा जो चिपचिपा मोम की तरह होता है. कोलेस्ट्रॉल के कारण शरीर में कई हार्मोन और सेल मेंब्रेन बनते हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अगर कोलेस्ट्रॉल शरीर में न रहे तो हम बहुत दिनों तक जिंदा ही नहीं रह पाएंगे. दरअसल, दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल यदि बढ़ जाए तो हमारे लिए यह दुश्मन बन जाता है. लेकिन हमारे आसपास ही इतने औषधीय चीजों की भरमार है जिसकी मदद से हम कैंसर जैसी बीमारी के खतरे को भी टाल सकते हैं. इन्हीं में से एक हैं अलसी के बीज. अलसी के बीज न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं बल्कि कैंसर जैसी बीमारी के खतरे को भी कम कर देते हैं.
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अलसी के बीज अत्यंत औषधिवर्धक खाद्य पदार्थ है. अलसी के बीज में प्रचूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड की प्रचूरता होती है. इसके अलावा अलसी में प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, फॉलेट और जीएक्सेंडथिन होता है जो हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. अलसी के बीज ना सिर्फ मोटापा कंट्रोल करते हैं, बल्कि यह कई बीमारियों का उपचार भी करते हैं. ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण इसका नियामित सेवन दिल के मरीज़ों के लिए बेहद उपयोगी है.
रिसर्च में साबित अलसी के बीज के फायदे
कोलेस्ट्रॉल को करते हैं कंट्रोल- हेल्थलाइनकी खबर के मुताबिक अलसी के बीज ओमेगा 3 फैटी एसिड का बहुत बड़ा स्रोत है. इसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिड (alpha-linolenic acid ALA) भी पाया जाता है. एक साथ दो तरह के फैटी एसिड का किसी एक फूड से प्राप्त करना मुश्किल होता है. अलसी के बीज में ये दोनों होते हैं. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और धमनियों में सूजन नहीं होने देता. एक अध्ययन में एक महीने पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से पीड़ित कुछ लोगों को चार चम्मच रोजाना 30 ग्राम तक अलसी के बीज के पाउडर दिए गए. सिर्फ एक महीने के अंदर एलडीएल का लेवल बहुत कम हो गया. वहीं, कोस्टारिका में 3638 लोगों पर किए गए परीक्षण से पता चला कि एएलए के नियमित सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है.
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कैंसर का जोखिम कम- रिसर्च में यह भी साबित हुआ कि अलसी के बीज में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की क्षमता है. अलसी के बीज में लिग्नेन पाया जाता है. लिग्नन प्लांट कंपाउंड है. इसमें कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एस्ट्रोजन का गुण पाया जाता है. यह कैंसर के जोखिम को बहुत हद तक कम कर देता है. अलसी के बीज में अन्य खाद्य पदार्थों के मुकाबले 800 गुना ज्यादा लिग्नेन पाया जाता है. कनाडा में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि अलसी के बीज के सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर की आशंका 18 प्रतिशत तक कम हो गई.
स्किन प्रोब्लम-अलसी के बीज में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटो कैमिकल्स गुण मौजूद होते हैं जो जो बढ़ती उम्र में चेहरे पर होने वाली झुर्रियों से निजात दिलाते हैं, साथ ही स्किन को जवां और खूबसूरत भी बनाते हैं.
डाइजेशन में:अलसी में डाइट्री फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. अलसी के बीज का नियामित और रोज़ाना सेवन करने से डाइजेशन मजबूत रहता है. अलसी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन शक्ति को बेहतर करके कब्ज से निजात दिलाता है.