All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

Tax-Savings Investments: 31 मार्च है टैक्स-सेविंग्स निवेश को पूरा करने की अंतिम तिथि, जानें- धन की कमी होने पर कैसे लें लाभ?

income_tax

Tax-Savings Investments: 31 मार्च को चालू वित्त वर्ष समाप्त हो जाएगा. उसके बाद नये वित्त वर्ष की शुरआत हो जाएगी. अंतिम तिथि तक अगर आपने टैक्स-सेविंग्स निवेश को पूरा नहीं किया है तो आपकी टैक्स की देनदारियां अधिक हो जाएंगी.

ये भी पढ़ेंGold Price Today, 06 March 2023: निचले स्तरों पर बढ़ी खरीदारी, सोने-चांदी के भावों में जोरदार उछाल | 22 Kt सोने के रेट?

Tax-Savings Investments Last Date: यदि आपने अभी भी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपनी कर-बचत की कवायद पूरी नहीं की है, तो इसके लिए आपको थोड़ा जल्दी करनी चाहिए, क्योंकि टैक्स -सेविंग्स इन्वेस्टमेंट्स पूरा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2023 काफी नजदीक आ चुकी है. यदि टैक्स-सेविंग्स इन्वेस्टमेंस्टस संबंधी निवेश और व्यय समय पर पूरा नहीं कर पाते हैं, तो टैक्स की देनदारी चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बढ़ जाएगी.

वित्त वर्ष 2020-21 से किसी के पास पुरानी/मौजूदा कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था के बीच चयन करने का विकल्प मौजूद है. यदि कोई व्यक्ति चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पुरानी/मौजूदा कर व्यवस्था का विकल्प चुनता है, तो वह व्यक्ति कर-छूट जैसे मकान किराया भत्ता (HRA), छुट्टी यात्रा रियायत (LTC) और कटौती का दावा करने के लिए पात्र होगा. 80C (वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक), 80D (चिकित्सा पॉलिसी प्रीमियम भुगतान पर कटौती), 80E (शिक्षा ऋण पर ब्याज भुगतान) आदि का लाभ ले सकता है.

ये भी पढ़ें– पीएफ खाताधारकों के लिए बड़ी खबर! मार्च में होगा ब्‍याज दरों पर फैसला, क्‍या 8% से नीचे जाएगी दर?

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं करने पर कितनी बढ़ेगी देनदारी

मान लीजिए कि चालू वित्तीय वर्ष में आपकी कुल आय 10 लाख रुपये है और आप धारा 80सी के तहत पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, म्यूचुअल फंड की इक्विटी से जुड़ी बचत योजना आदि जैसे निर्दिष्ट उपकरणों में 1.5 लाख रुपये का निवेश करने में असमर्थ हैं, तो आपकी कर देनदारी 1.17 लाख रुपये (पुरानी कर व्यवस्था के तहत, 4% उपकर सहित) होगी. यदि आप धारा 80 सी के तहत निर्दिष्ट कर-बचत साधन में 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो आपकी कर देयता 1,06, 600 रुपये (4% उपकर सहित) होगी. इसमें 10,400 रुपये का अंतर आएगा.

नई कर व्यवस्था में मिलेगी कम रियायत

यदि आप नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, तो यह कम, रियायती कर दरों के साथ आती है, लेकिन उपर्युक्त सामान्य कर-छूट और कटौती के बिना. नई कर व्यवस्था में, धारा 80CCD (2) के तहत कर्मचारी के NPS खाते में नियोक्ता का योगदान भी कटौती लिए उपलब्ध होता है.

यदि आप आयकर रिटर्न दाखिल करते समय नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, तो उपरोक्त परिदृश्य में आपकी कर देनदारी 78,000 रुपये (4% उपकर सहित) होगी.

ये भी पढ़ें– Zoom ने 1300 कर्मचारियों को निकालने के बाद अपने चेयरमैन को भी किया Fire; जानिए क्या थी वजह

टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यदि आपका एक वित्तीय वर्ष में कुल कटौती का दावा 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो यह आपके लिए पुरानी कर व्यवस्था में बेहतर है.

टैक्स बेनिफिट्स के लिए क्या करें?

यदि आपने अभी भी अपनी कर-बचत की कवायद पूरी नहीं की है, तो आपके लिए कुछ ऑनलाइन विकल्प हैं जैसे 5-वर्षीय बैंक सावधि जमा, गृह ऋण पूर्व भुगतान, पीपीएफ में निवेश, म्यूचुअल फंड की ईएलएसएस योजनाएं आदि.

नकदी की कमी होने पर कैसे लें लाभ?

यदि आपको धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण आप समय पर कर-बचत साधनों में निवेश नहीं कर सकते हैं, तो कुछ ऐसे व्यय हैं जो आयकर अधिनियम के तहत कटौती के योग्य हैं. इनमें बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन के मूलधन का भुगतान शामिल है. इसके अलावा, होम लोन पर चुकाया गया ब्याज टैक्स सेविंग बेनिफिट भी देता है.

ये भी पढ़ें— Axis बैंक ने पेश किया रिवॉर्ड्स क्रेडिट कार्ड, स्विगी पर 30% डिस्काउंट, मिलेगा मंथली बोनस

31 मार्च वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होता है, उसके पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके पास सार्वजनिक भविष्य निधि आदि जैसे कर-बचतकर्ताओं में न्यूनतम राशि जमा है. यदि न्यूनतम राशि जमा नहीं की जाती है, तो खाता निष्क्रिय हो जाता है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top