EPFO Interest Rate : कोरोनाकाल में पीएफ सहित तमाम छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बड़ी कटौती की गई. अभी पीएफ की ब्याज दर 40 साल में सबसे कम है और कयास लगाए जा रहे कि इस महीने के आखिर में होने वाली ईपीएफओ की बैठक में इसकी दरें और घटाई जा सकती हैं.
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नई दिल्ली. अगर आपका भी कर्मचारी भविष्य निधि में खाता खुला है तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बता दें कि आपके पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में एक बार फिर कैंची चलने की आशंका है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भविष्य निधि यानी पीएफ पर ब्याज दर को लेकर 25-26 मार्च को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक होने जा रही है.
हालांकि, बैठक के एजेंडे को लेकर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन जानकार लोगों का कहना है कि ब्याज दर 8 प्रतिशत के स्तर से नीचे जाने की संभावना नहीं है. बता दें कि पीएफ पर मिलने वाली ब्याज की मौजूदा दर 43 साल के निचले स्तर पर है और अभी 8.10 फीसदी ब्याज मिल रहा है.
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EPFO मौजूदा 8.1 फीसदी की ब्याज दर को रख सकता है बरकरार
मार्च 2022 में सीबीटी यानी केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहकों के लिए 8.1 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की थी, जिससे अनुमानित अधिशेष 450 करोड़ रुपये रह गया. सूत्रों के मुताबिक ईपीएफओ मौजूदा 8.1 फीसदी की ब्याज दर को बरकरार रख सकता है. इक्विटी निवेश में ऊंचे रिटर्न की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा सकता है.
85 फीसदी हिस्सा ऋण वाले विकल्पों में करता है निवेश
आपको बता दें कि अभी ईपीएफओ 85 फीसदी हिस्सा ऋण वाले विकल्पों में निवेश करता है, जिनमें सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड भी शामिल हैं. बाकी के 15 फीसदी हिस्से को ईटीएफ में लगाया जाता है. डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर पीएफ का ब्याज तय किया जाता है.
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करोड़ों लोगों को होगा नुकसान
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएफ पर ब्याज को घटाकर 8 फीसदी किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 6 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे तौर पर नुकसान होगा.