Adani Vs Ambani: रिलायंस रिटेल और अडानी ग्रुप के अलावा खरीदारों में डब्ल्यूएच स्मिथ, जिंदल पावर्स लिमिटेड, गार्डन ब्रदर्स का जेसी फ्लॉवर्स शामिल हैं.जल्द ही बिजनेस जगत में भारत के दो टायकून्स के बीच टक्कर देखने को मिलेगी. वर्तमान में मुकेश अंबानी एशिया के सबसे रईस हैं, जिनके सामने होंगे एशिया के पूर्व रईस गौतमअडानी.
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Future Group Deal: भारी कर्ज में दबी एक कंपनी को खरीदने के लिए भारत के दो कारोबारी दिग्गजों ने बोली लगाने की तैयारी कर ली है. कंपनी है बिग बाजार वाली फ्यूचर रिटेल कंपनी और ये दो दिग्गज हैं मुकेश अंबानी और गौतम अडानी. पिछले साल बिग बाजार को खरीदने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज आगे आई थी. लेकिन सौदे को लेकर बात बन नहीं पाई थी. मगर अब फिर से इसे खरीदने की रेस शुरू हो गई है. अगले कुछ दिनों में फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए रिलायंस और अडानी ग्रुप आमने-सामने होंगे. अडानी और अंबानी के अलावा, किशोर बियानी की इस कंपनी को खरीदने के लिए 47 अन्य खरीदारों ने भी दिलचस्पी दिखाई है. यह जानकारी सामने आने के बाद इसका प्रभाव इसके शेयरों पर भी पड़ा है. कंपनी के शेयर 2.50 रुपये पर ट्रेंड कर रहे हैं, जो 4.17 फीसदी अधिक है.
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रिलायंस रिटेल और अडानी ग्रुप के अलावा खरीदारों में डब्ल्यूएच स्मिथ, जिंदल पावर्स लिमिटेड, गार्डन ब्रदर्स का जेसी फ्लॉवर्स शामिल हैं.जल्द ही बिजनेस जगत में भारत के दो टायकून्स के बीच टक्कर देखने को मिलेगी. वर्तमान में मुकेश अंबानी एशिया के सबसे रईस हैं, जिनके सामने होंगे एशिया के पूर्व रईस गौतम अडानी.
7 अप्रैल को फ्यूचर रिटेल को खरीदने वाली कंपनियों की तरफ से एक्सप्रेशन्स ऑफ इंट्रस्ट (EOI) मिला था. किसी जमाने में भारत में फ्यूचर ग्रुप रिटेलर फर्म के मामले में दूसरे नंबर पर था. उस पर फिलहाल विभिन्न लेनदारों के 21000 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है. कोरोना के दौरान इस कंपनी का और बुरा हाल हुआ. जब कंपनी कर्ज नहीं चुका पाई तो उसे दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है.
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रिलायंस ने दिया था ऑफर
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 24,713 करोड़ रुपये में कंपनी का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन बाद में इसको रद्द करना पड़ा. कंपनी को मैनेजमेंट लेवल पर भी संकट का सामना करना पड़ा. इसी साल 23 जनवरी को किशोर बयानी ने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन 10 मार्च को उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया. इसके बाद खरीदारों में फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की होड़ मच गई. अब यह कंपनी किसके पोर्टफोलिया का हिस्सा बनेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.