Mirzapur News: एसडीएम सदर चंद्रभानु सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर ज्यादा कुछ बताने से इंकार कर दिया. इतना बताया कि जो भी शिकायत की जा रही है, उसका अभिलेखों के आधार पर रिपोर्ट दी जा रही है.
मिर्जापुरः उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर ग्राम सभा की जमीन हथियाने का आरोप लगा है. यह आरोप भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता प्रिंस सिंह ने लगाया है. प्रिंस ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है. इस मामले में अधिकारियों द्वारा दो बार रिपोर्ट बदली गई. प्रिंस ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफियाओं से जमीन मुक्त कराने में लगे हैं तो वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष बृजभूषण सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं. हमारे पास सभी साक्ष्य है. बीहड़ की जमीन पर जिलाध्यक्ष और उनके परिवार के लोग कटीला तार लगाकर कब्जा कर लिए हैं.
ये भी पढ़े – प्रॉपर्टी खरीदने से पहले देख लें ये 12 डॉक्यूमेंट, बाद में नहीं पड़ेगा पछताना, न रहेगा कोट कचेरी का चक्कर
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पड़री के चंदलेवा के रहने वाले प्रिंस सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी शिकायत में कहा है कि बृजभूषण सिंह जिलाध्यक्ष बनने के बाद जमीन पर बीहड़ की जमीन पर कब्जा किए हैं. यह जमीन 10 बीघा से ज्यादा है. शिकायत के बाद इस मामले की जांच के बाद एक बार रिपोर्ट लगाने के बाद उसे दुबारा बदला गया है. साथ ही रिपोर्ट में 1375 व 1376 फसली की खतौनी गायब होने की बात सामने आई है. फिलहाल एसडीएम सदर व अन्य आलाधिकारी इस हाई प्रोफाइल मामले में कुछ भी बोलने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं.
ये भी पढ़े– Multibagger Share: 5 रुपये वाले शेयर का छप्परफाड़ रिटर्न, 1 लाख के हो गए 15 लाख; शेयर में अभी भी दम
29 मार्च डीएम व एसपी को दी गई जांच
प्रिंस सिंह के द्वारा मूख्यमंत्री को दिए गए पत्र की जांच डीएम व एसपी को दी गई. एसडीएम सदर की देखरेख में जांच के बाद रिपोर्ट प्रेषित की गई. जिसमें बताया गया कि गाटा संख्या 945/7 का रकबा 1372 से 1374 की फसल में बीहड़ के रूप में दर्ज है. साथ 1375 से 1376 फसली की खतौनी का बीहड़ का पृष्ठ गायब है. 1377 से लेकर 1379 फसली के खाता संख्या में राम अनुज सिंह व अरुण कुमार सिंह के नाम जमीन अंकित है, जो लाल स्याही से दर्ज है. जांच में अंदेशा जताया गया है कि कोई रिपोर्ट रहा होगा, जिससे इन लोगों का नाम दर्ज है. जांच रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि 1375 से 1376 फसली के खाता संख्या- 425 जीर्ण शीर्ण होकर फट गया है.
उस समय से जिलाध्यक्ष के पूर्वजों का नाम इसपर चला आ रहा है. पहली रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया था कि सन 1972 में आवंटन पत्रावली नहीं होती थी. भूमि प्रबंध समिति के ग्राम प्रधान द्वारा पट्टा किया जाता था. पट्टे के स्थान पर 57 ख की रसीद दी जाती थी, जिसके आधार पर नाम संबंधित का नाम दर्ज होता था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सम्पूर्ण जमीन श्रेणी 5 की भूमि है, जिसका आवंटन किया जा सकता है. वहीं नहर की जमीन पर विद्यालय बनाने के मामले में रिपोर्ट में बताया गया कि नहर की चौड़ाई 20 मीटर से अधिक है, इसपर विद्यालय का कोई कब्जा नही है. यह पहली रिपोर्ट 10 अप्रैल को भेजी गई थी.
13 अप्रैल को फिर दी गई दूसरी रिपोर्ट:
प्रिंस सिंह की शिकायत के बाद पहली रिपोर्ट को बदल कर 13 अप्रैल को दूसरी रिपोर्ट लगाई गई. दूसरी रिपोर्ट में बीहड़ की जमीन पर कब्जा और अभिलेख की कहानी वही पुरानी रही, लेकिन बीहड़ की जमीन को श्रेणी से हटा दिया गया. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि न्यायालय में असंतोष वाद भी दाखिल किया जा सकता है. आरबीएस शिक्षा निकेतन स्कूल की शिकायत की जांच की गई जो पहले से बना हुआ है, श्रेणी 6(2) स्कूल के नाम दर्ज है. जांच में जिलाध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि इस स्कूल से उनका कोई वास्ता नही है.
ये भी पढ़े – Infosys Q4 Results: मुनाफा 8 फीसदी बढ़ा, 17.50 रुपये के डिविडेंड का ऐलान
मिल रही जान से मारने की धमकी:
एनडीए की घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के मिर्जापुर के जिलाध्यक्ष सुनील ने बताया कि जबसे हमने जिलाध्यक्ष की शिकायत की है, तबसे मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है. सत्ता के नशे में चूर जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने गलत तरीके से जमीन पर कब्जा किया है. यदि शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आगे हमलोग जन आंदोलन करेंगे.
भाजपा जिलाध्यक्ष ने नहीं उठाया फोन:
एसडीएम सदर चंद्रभानु सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर ज्यादा कुछ बताने से इंकार कर दिया. इतना बताया कि जो भी शिकायत की जा रही है, उसका अभिलेखों के आधार पर रिपोर्ट दी जा रही है. वहीं, जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह का किसी भी प्रकार का स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है. उनसे बात करने का प्रयास किया गया लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी जिलाध्यक्ष ने फोन नहीं उठाया.