आगरा के एक होटल में गलत खाना परोसने पर शख्स ने होटल से एक करोड़ का मुआवजा मांगा है. शख्स ने होटल पर जीवन को खतरे में डालने का आरोप लगाया है.
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आगरा के एक होटल में एक शाकाहारी शख्स को मांसाहारी भोजन परोसा गया. जिसके बाद शख्स ने शाकाहारी होने के बावजूद उसे मांसाहारी भोजन परोसने के लिए होटल से मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये की मांग की है. उन्होंने कहा कि मांसाहारी भोजन न केवल उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डालता है.
सूत्रों के मुताबिक, लग्जरी होटलों की एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से संबंधित होटल में शख्स ने शाकाहारी भोजन का ऑर्डर दिया, लेकिन उसके स्थान पर उसे मांसाहारी भोजन परोसा गया.
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जब शख्स को पता चला कि उसने मांसाहारी खाना खा लिया है, तो उसने दावा किया कि उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
अर्पित गुप्ता के रूप में पहचाने जाने वाले शख्स ने अब होटल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. उसके द्वारा होटल प्रबंधन को भेजे गए नोटिस के माध्यम से एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई.
गुप्ता के वकील नरोत्तम सिंह ने कहा कि उनका मुवक्किल 14 अप्रैल को अपने दोस्त सनी गर्ग के साथ आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित होटल में गया था. गुप्ता ने शाकाहारी रोल के लिए ऑर्डर दिया. जब खाने की चीज परोसी गई और उसने उसे खाना शुरू किया, तो गुप्ता ने महसूस किया कि स्वाद अलग था. उसने होटल स्टाफ से पूछा तो पता चला कि उसे चिकन रोल परोसा गया है.
वकील ने दावा किया कि गुप्ता शाकाहारी हैं. जब उन्हें यह एहसास हुआ कि उन्होंने चिकन खाया है तो उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
सिंह ने आगे दावा किया कि होटल ने अपनी गलती छुपाने के लिए खाने का बिल तक नहीं दिया. दूसरी ओर, उनके मुवक्किल ने पूरे प्रकरण को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया था. उन्होंने कहा कि होटल से एक साधारण माफी अपर्याप्त थी और उनके मुवक्किल ने अपनी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए होटल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की इच्छा जताई.
दूसरी ओर, होटल प्रशासन का मानना है कि यह एक गलती थी और वह पहले ही गुप्ता से माफी मांग चुका है. विधि विशेषज्ञ अशोक गुप्ता ने बताया कि ऐसे मामलों में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, खाद्य सुरक्षा अधिनियम और दूषित भोजन परोसने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. इसमें तीन से दस साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है.