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उत्तर प्रदेश

जेल का ‘छोटा भाटी’ सनी है बदमाशों का भी बाप! पुलिस पर भी कर चुका है फायरिंग, जानें अतीक के ‘हत्यारे’ की कुंडली

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के मामले में गिरफ्तार सनी सिंह उर्फ पुराने 13 साल की उम्र में घर से भाग गया था और फिर जुर्म के दलदल में घुसता चला गया. हमीरपुर पुलिस ने पुराने को ‘आदतन अपराधी’ घोषित करते हुए उसके खिलाफ गैंगस्टर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इसमें पुलिस ने उसकी पहचान महबूब गैंग के सदस्य के रूप की थी.

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हमीरपुर. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन हमलावरों में से एक सनी सिंह उर्फ पुराने पहले भी कई अपराधों में लिप्त रहा है. पुराने 13 साल की उम्र में घर से भाग गया और फिर जुर्म के दलदल में घुसता चला गया. उसके भाई पिंटू बताते हैं कि घर से भागने के बाद कुरारा के लोगों ने शनि को पहली बार टीवी पर ही देखा, जब उसका नाम इस हत्याकांड में सामने आया था.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हमीरपुर में पुराने के खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड मार्च 2016 तक का है, जिसमें पहला मामला चेन-स्नैचिंग का है. उस वक्त वह किशोरावस्था में ही था. उसके बाद अगले कुछ वर्षों के दौरान कई और मामलों में उसकी गिरफ्तारी हुई. पुलिस के मुताबिक, पुराने के खिलाफ आखिरी एफआईआर सितंबर 2019 में दर्ज की गई थी, जिसके बाद माना जा रहा था कि वह कहीं दूसरी जगह चला गया है.

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सबसे पहले बंदूक की नोंक पर की लूटपाट
सुनी उर्फ पुराने के खिलाफ कुरारा थाने में 29 मार्च, 2016 को दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पुराने ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर मोटरसाइकिल सवार युवक और उसकी मां को देसी कट्टा दिखाकर धमकाया और उनसे सोने की चेन तथा 130 रुपये लूट लिए. अगले दिन जब पुलिस उसे पकड़ने पहुंची तो उसने कथित तौर पर गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी. इसके बाद उस पर हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.

पुलिस ने फिर जल्द ही पुराने को ‘आदतन अपराधी’ घोषित करते हुए गैंगस्टर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया. इसमें पुलिस ने उसकी पहचान महबूब गैंग के सदस्य के रूप की थी. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2016 के अंत तक, पुराने ने भांग की तस्करी शुरू कर दी थी और वर्ष 2016 से 2019 के बीच चार मौकों पर एक किलोग्राम से अधिक नशीली पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान वह देसी कट्टा और गोला-बारूद रखने के जुर्म में भी गिरफ्तार हुआ. इसके अलावा पुलिस कर्मियों पर फायरिंग के चलते हत्या के प्रयास के दो मामले दर्ज किए गए थे.

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जेल में ही हुआ सुंदर भाटी से संपर्क
इन सभी गिरफ्तारियों का मतलब था कि उन चार सालों में पुराने ने काफी समय जेल में बिताया, लेकिन 2019 में जब वह लगातार तीन बार हमीरपुर जेल गया, तो उसकी मुलाकात पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई, जो उसी समय सलाखों के पीछे था.

हमीरपुर की पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीक्षा शर्मा के मुताबिक, वर्ष 2019 में पुराने फरवरी, जुलाई और सितंबर में जेल गया था. सूत्रों ने बताया कि पुराने जेल में लगातार रहने के दौरान भाटी के काफी करीब आ गया था.

अतीक हत्याकांड की जांच से जुड़े यूपी पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा. ‘पुराने जेल में भाटी का शागिर्द बन गया था. वह भाटी के लिए सेलफोन या नशे आदि की व्यवस्था करता था.’

छोटा भाटी कहते बुलाते थे कैदी
शर्मा के मुताबिक, पुराने भाटी के इतने करीब आ चुका था कि कैदी उन्हें ‘छोटा भाटी’ कहकर बुलाते थे. शर्मा ने कहा, ‘आखिरकार पांच महीने तक कैद में रहने के बाद भाटी के साथ उनकी बढ़ती नजदीकियों के कारण उसे कानपुर जेल में शिफ्ट करने का फैसला किया गया.’

पुलिस सूत्रों ने हालांकि इन अटकलों का खंडन किया कि पुराने ने अतीक हत्याकांड में उसके साथी लवलेश तिवारी से बांदा जेल में मुलाकात की थी. यूपी के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘पुराने को कभी भी बांदा जेल में बंद नहीं किया गया था. तो (पुराने-लवलेश की मुलाकात का) सवाल ही नहीं उठता’.

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वर्ष 2019 के बाद हमीरपुर में पुराने के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. इसका सीधा सा मतलब है कि वह इस इलाके में नहीं था. पेशेवर अपराधी अपराध करता रहेगा। दूसरी जगहों पर उसके खिलाफ दर्ज मामलों से हमें इस बात का सुराग मिलेगा कि वह किन-किन लोगों के संपर्क में आया था.’

सूत्रों ने कहा कि अतीक हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी अब पूरे राज्य में केस रजिस्टर को खंगाल रही है और अन्य राज्यों से भी जानकारी मांग रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या पुराणे के खिलाफ कोई अन्य मामला दर्ज किया गया था. पुलिस को उम्मीद है कि इसी तरह कड़ियों को जोड़ते हुए इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड तक वह पहुंच सकती है.

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