All for Joomla All for Webmasters
शेयर बाजार

अपने लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव कैसे करें?

कम अवधि के लक्ष्यों के लिए, डेट म्यूचुअल फंड को बेहतर समझा जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में कम जोखि़म होती है.

ये भी पढ़ेंहर सवाल का जवाब है ChatGPT के पास, दुनियाभर में मची धूम, पर कंपनी अब भी तगड़े लॉस में, जानिए क्यों

किसी शख्स के निवेश के लक्ष्य, जोख़िम लेने की क्षमता और उनकी निवेश की सीमाओं के आधार पर म्यूचुअल फंड छोटी और लंबी, दोनों ही अवधि के लिए एक अच्छा निवेश साधन हो सकता है. निवेश विकल्प के रूप में म्यूचुअल फंड के लाभों के बारे में भारतीयों में जागरूकता बढ़ रही है. निवेशकों ने अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर दिया है.

कम अवधि के लक्ष्यों के लिए, डेट म्यूचुअल फंड को बेहतर समझा जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में कम जोखि़म होती है. आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड को लंबी अवधि के लिए ठीक माना जाता है. ये लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देते हैं. हालांकि, इनमें जोख़िम का खतरा भी काफी होता है.

ये भी पढ़ें– EPF UAN Generation Method From Phone: UAN को फोन से जनरेट और एक्टिवेट करना है आसान, यहां जानें- क्या है सरल तरीका?

म्यूचुअल फंड आपके लिए विविधता के साथ-साथ प्रोफेशनल मैनेजमेंट, सुविधा, लिक्विडिटी, पैसे का सही इस्तेमाल और सुविधा के मुताबिक बदलाव के विकल्पों के साथ आते हैं. ऐसे में ये निवेश के बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.

किसी शख्स के निवेश के लक्ष्य, जोख़िम लेने की क्षमता और उनकी निवेश की सीमाओं के आधार छोटी, मध्यम और लंबी अवधि के लक्ष्यों के हिसाब से म्यूचुअल फंड का चुनाव अलग-अलग हो सकता है. इसके बावजूद यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनका चुनाव कोई भी कर सकता है:

आमतौर पर छोटी अवधि (3 वर्ष से कम) के लिए डेट म्यूचुअल फंड को बेहतर माना जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में कम जोख़िम होता है. डेट म्यूचुअल फंड के उदाहरणों में लिक्विड फंड, अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंड और शॉर्ट-टर्म फंड शामिल है.

ये भी पढ़ें– Varanasi Gold Rate: सोने-चांदी की कीमतों में फिर उछाल, जानें आज की कीमत

हमारे लिए इन फंड्स को समझना भी जरूरी है
लिक्विड फंड: लिक्विड फंड छोटी अवधि की रेसिड्यूल मैच्योरिटी वाली प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. ऐसे में ये जरूरत के वक्त पैसे की उपलब्धता, आपातकालीन योजनाओं जैसे छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए बेहतर विकल्प होते हैं. ये मुख्य रूप से लो मैच्योरिटी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें न्यूनतम जोख़िम होता है.

इन्हें ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर, डिपॉजिट सर्टिफिकेट और 91 दिनों तक की मैच्योरिटी वाली अन्य मनी मार्केट सिक्योरिटीज के रूप में भी जाना जाता है.

अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंड: अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. इनमें लिक्विड फंड्स की तुलना में बेहतर शॉर्ट-टर्म मैच्योरिटी होती है. इन फंड्स में कम ब्याज दर का जोख़िम होता है और ये लिक्विड फंड की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं.

ये भी पढ़ें– Unclaimed Amount: व‍ित्‍त मंत्री के फैसले से बैंक कस्‍टमर की बल्‍ले-बल्‍ले, इन लोगों को म‍िलेंगे 35000 करोड़

शॉर्ट-टर्म फंड्स: ये फंड्स शॉर्ट-ड्यूरेशन फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. ये 1 से 3 साल की मैकाले अवधि वाली पोर्टफोलियो को बनाए रखते हैं. छुट्टियों में विदेश ट्रिप, रिटायरमेंट से पहले रकम जमा करने या कंज्यूमर ड्यूरेबल्स खरीदने योजना बना रहे लोगों के लिए ये बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

मध्यम अवधि (3-5 वर्ष) के लक्ष्यों के लिए संतुलित म्यूचुअल फंड या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के विकल्प आजमाए जा सकते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट, दोनों में निवेश करते हैं. एग्रेसिव हाइब्रिड फंड और कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड संतुलित म्यूचुअल फंड माने जाते हैं.

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: एग्रेसिव कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड 65-80% फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट, दोनों में निवेश करते हैं. इसमें इक्विटी टैक्सेशन होता है. ये फंड उन व्यक्तियों के लिए बेहतर हो सकते हैं, जो इक्विटी के रिटर्न और डेट की स्थिरता का लक्ष्य रखते हुए मध्यम स्तर का जोख़िम ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें– LPG Subsidy: मोदी सरकार फ‍िर से शुरू करेगी गैस सब्‍स‍िडी! LPG कनेक्‍शन वालों की हो जाएगी मौज

कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड: इस प्रकार के म्यूचुअल फंड डेट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिक से अधिक निवेश करते हैं. पूंजीगत लाभ के लिए फंड का छोटा हिस्सा इक्विटी में भी डाला जाता है. आमतौर पर ये फंड कॉरपस का 75-90% फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में और बाकी इक्विटी में निवेश करते हैं. डेट इंस्ट्रूमेंट्स में ज्यादा एलोकेशन होने की वजह से इक्विटी फंड्स के मुकाबले इन स्कीम्स में जोखि़म कम होता है. डेट में स्थिरता और इक्विटी में लाभ तलाशने वाले कंजरवेटिव निवेशकों के लिए ये फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

आम तौर पर लंबी अवधि के लक्ष्यों (5 वर्ष से अधिक) के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड को बेहतर माना जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके पास उस अवधि में उच्च रिटर्न देने की क्षमता होती है. हालांकि इसमें जोख़िम भी अधिक होता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड के उदाहरणों में लार्ज-कैप फंड, मिड-कैप फंड और स्मॉल-कैप फंड शामिल हैं.

ये भी पढ़ें– सरकार ने शुगर कंपनियों से स्टॉक होल्डिंग पर मांगा अपडेट, 10 मई तक पोर्टल पर भरना होगा डिक्‍लेरेशन 

लार्ज-कैप फंड: लार्ज कैप फंड कुल निवेश का न्यूनतम 80% लार्ज-कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी-संबंधित इंस्ट्रूमेंट को आवंटित करते हैं. विशेष रूप से ऐसी कंपनियां जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 100 में शुमार होती हैं. मिड-कैप या स्मॉल-कैप फंड की तुलना में ये फंड आम तौर पर अधिक स्थिर होते हैं, जिससे निवेशकों को ज्यादा भरोसा मिलता है.

मिड-कैप फंड: मिड कैप फंड कुल निवेश का न्यूनतम 65% मिड-कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी-संबंधित इंस्ट्रूमेंट को आवंटित करते हैं. हालांकि इन फंड्स में अस्थिरता होती है, लेकिन ये लार्ज-कैप स्कीमों की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.

स्मॉल कैप फंड: स्मॉल कैप फंड कुल निवेश का न्यूनतम 65% स्मॉल-कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट को आवंटित करते हैं. इन फंड्स में काफी अस्थिरता होती है, लेकिन इनमें रिटर्न की भी काफी संभावनाएं हैं. अगर आप उच्च रिटर्न की संभावना वाले अस्थिर फंड की तलाश कर रहे हैं, तो स्मॉल कैप फंड पर विचार करें.

ये भी पढ़ें– Indian Railways: खुशखबरी! अब हैदरनगर और उंटारी रोड स्टेशन पर भी रुकेगी रांची-सासाराम एक्सप्रेस, जानें टाइमिंग

हालांकि अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले प्लानिंग और सावधानी की जरूरत होती है. अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करके, सही म्यूचुअल फंड का चयन करके, अपने पैसे को बुद्धिमानी से निवेश करके, अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर संतुलित करके, और अपने निवेशों की नियमित निगरानी कर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके म्यूचुअल फंड निवेश आपके वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से हैं और उन्हें हासिल करने में आपकी मदद करते हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top