What is Form 16 वेतन पाने वाले व्यक्ति की आईटीआई फाइलिंग के लिए फॉर्म 16 एक अहम दस्तावेज माना जाता है। हर कंपनी को अपने कर्मचारियों को इसे जारी करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सैलरी पाने वाले लोगों के लिए फॉर्म 16 (Form 16) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिसका उपयोग आईटीआर फाइल करने के लिए किया जाता है। ये टीडीएस सर्टिफिकेट (TDS Certificate)का भी काम करता है।
फॉर्म 16 में किसी भी व्यक्ति की सैलरी में से काटे गए टीडीएस की जानकारी के अलावा सैलरी, अलाउंस और अन्य भुगतान के बारे में जानकारी होती है।
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कब जारी होता Form 16?
इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, हर कंपनी को अपने कर्मचारियों के लिए फॉर्म 16 जारी करना अनिवार्य है अगर उनका टैक्स काटा जा रहा है। हर साल 15 जून तक कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी कर दिया जाता है। यह कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों के साथ-साथ पिछले वित्त वर्ष में संस्था में काम कर चुके सभी कर्मचारियों को जारी किया जाता है।
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Form 16 में क्या-क्या शामिल होता है?
फॉर्म 16 में एक वित्त वर्ष के दौरान सैलरी में से काटे गए टैक्स, कर्मचारी की ओर से ली गई टैक्स छूट शामिल होती है।
Form 16 के कितने भाग होते हैं?
फॉर्म 16 के दो पार्ट होते हैं, पहला – पार्ट A और पार्ट B। दोनों को TRACES पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है। इस पर TRACES का लोगो भी होता है।
इसके पार्ट A में किसी वित्त वर्ष के लिए टीडीएस काटा गया है। इसके बारे में पूरी जानकारी होगी और इसके साथ कर्मचारी का पैन और नियोक्ता का टैन नंबर होगा।
पार्ट B में सैलरी, अलाउंस, एचआरए और स्पेशल अलाउंस से जुड़ी सभी जानकारी होगी। इसके अलावा कंपनी की ओर से दी गई अन्य सुविधाएं भी इसमें शामिल की जाती हैं।
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टैक्स भरने की आखिरी तारीख
ऐसे खाते जिनका ऑडिट नहीं होना है। उनके वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है।