Higher Pension : निजी सेक्टर में नौकरी करते हैं और अभी तक आपने हायर पेंशन का विकल्प नहीं चुना है तो आज रात तक आखिरी मौका है. EPFO ने इसकी डेडलाइन पहले ही 26 जून तय कर दी थी. इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
नई दिल्ली. निजी सेक्टर के नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए हायर पेंशन (Higher Pension) चुनने का आज आखिरी मौका है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पिछली डेडलाइन को बढ़ाकर 26 जून कर दिया था. लिहाजा हायर पेंशन का विकल्प कर्मचारी सोमवार रात 12 बजे तक चुन सकते हैं. मौजूदा नियमों के तहत अभी आपके पीएफ अंशदान का 8.33 फीसदी पैसा कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) 1995 के तहत रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए जमा की जाती है.
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गौरतलब है कि मौजूदा समय में ईपीएस के लिए बेसिक सैलरी की मैक्सिमम लिमिट 15 हजार रुपये है. इस लिहाज से 8.33 फीसदी यानी सिर्फ 1,250 रुपये ही ईपीएस में जाने के योग्य हैं. शेष रकम आपके ईपीएफ खाते में डाल दी जाती है. यह नियम तो पहले से था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद 15 हजार की सीमा को बदलकर वास्तविक बेसिक सैलरी कर दिया गया है. इस बदलाव के तहत जो कर्मचारी अपनी एक्चुअल बेसिक सैलरी पर हायर पेंशन चाहते हैं, उनके पीएफ खाते में कम पैसा जमा किया जाएगा, लेकिन पेंशन की राशि ज्यादा कटौती होने की वजह से बढ़ जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नवंबर, 2022 में आए आदेश के बाद EPFO ने गारंटीड पेंशन का विकल्प चुनने का समय दिया था. तब से इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है और आखिरी डेडलाइन 26 जून रखी गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठा जा रहे हैं. तब से EPFO ने कई सर्कुलर जारी कर योग्यता और पेंशन की गणना को समझाया है. फिर भी आज तक कंफ्यूजन बाकी है.
क्या फिर बढ़ेगी डेडलाइन
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूजर ने पेंशन को लेकर नियम व शर्तों को क्लीयरीफाई करने को कहा है. लोगों की दिक्कतें और सवाल इसे लेकर खत्म नहीं हो रहे हैं. लिहाजा यह कयास लगाए जा रहे हैं कि EPS 1995 में आवेदन की समयसीमा बढ़ सकती है. हालांकि, बेहतर होगा कि आप 26 जून की समयसीमा समाप्त होने से पहले यह काम पूरा कर लीजिए.
कौन है इसके लिए योग्य
साफतौर पर 2 तरह के लोग हायर पेंशन के लिए योग्य मानें गए हैं. पहला ऐसे कर्मचारी जो 1 सितंबर, 2014 से पहले रिटायर हो गए. उन्हें पेंशन 15 हजार की बेसिक सैलरी लिमिट या 6,500 की बेसिक सैलरी लिमिट के आधार पर मिल रही है. ऐसे लोगों ने पहले ही अप्लाई किया होगा तो वे अपने नियोक्ता के साथ मिलकर हायर पेंशन का चुनाव कर सकते हैं. अगर आप सर्विस कर रहे हैं या फिर आपने 1 सितंबर, 2014 से पहले ईपीएफ की सदस्यता धारण की थी तो आप भी अपने नियोक्ता के साथ मिलकर हायर पेंशन का ज्वाइंट अप्लीकेशन दे सकते हैं.
बढ़ सकता है आपका बोझ
ध्यान देने वाली बात है कि हायर पेंशन का चुनाव करने पर आपके पीएफ खाते में जमा मौजूदा राशि में से कुछ रकम वापस लौटानी पड़े. अभी आपके नियोक्ता की ओर से किए गए अंशदान में से 8.33 फीसदी पेंशन फंड में जाता है, जबकि हायर पेंशन के तहत यह राशि 1.16 फीसदी ज्यादा होगी और पेंशन फंड में आपका नियोक्ता कुल 9.49 फीसदी राशि का भुगतान करेगा.
कैसे होगी पेंशन की गणना
EPFO ने 14 जून को जारी सर्कुलर में बताया था कि पेंशन की गणना रिटायरमेंट के पहले 12 महीने की औसत सैलरी के हिसाब से की जाती है. जो कर्मचारी 1 सितंबर से पहले ही रिटायर हो चुके हैं, उन्हें रिटायरमेंट से पहले के 60 महीने की औसत सैलरी के हिसाब से पेंशन दी जाती है. अब पेंशन की गणना नौकरी के साल को इस सैलरी से गुणा करने के बाद 70 से भाग करके की जाती है. इस कैलकुलेशन पर जो भी राशि आएगी वही पेंशन के रूप में दी जाएगी.
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मसलन, अगर आपकी 12 या 60 महीने की औसत सैलरी 60 हजार थी और आपने कुल 30 साल नौकरी की है. तो, इसे आपस में गुणा करने पर 18,00,000 रुपये आएगी. अब इसे 70 से भाग कर दिया जाएगा. इस तरह, आपकी पेंशन की रकम होगी 25,714 रुपये हर महीने.