GST on Online Game : जीएसटी परिषद ने इस सप्ताह ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है. इसके बाद इंडस्ट्री और यूजर्स के बीच तमाम तरह की भ्रांतियां पैदा हो गई हैं. इस पर राजस्व सचिव ने कहा है कि मानसून सत्र में बिल लाएंगे और सारा मामला स्पष्ट कर दिया जाएगा.
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नई दिल्ली. इस सप्ताह की शुरुआत में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग जैसे खेल पर 28 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया गया. इसकी घोषणा के साथ ही इंडस्ट्री में तमाम तरह की बातें हो रही हैं. साथ ही यूजर के मन में भी गेम पर टैक्स लगाने को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. इस पर जब राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी सवालों और मुद्दों को जल्द साफ किया जाएगा. मानसून सत्र में हम संसद में जीएसटी कानून में बदलाव को लेकर एक बिल लाने वाले हैं, जिसमें सबकुछ स्पष्ट कर दिया जाएगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में राजस्व सचिव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कसीनो पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने से जुड़ी सभी बातों को हम मानसून सत्र में लाने वाले बिल में क्लीयर कर देंगे. इससे जुड़े जो भी केस अभी चल रहे हैं, उन पर भी स्पष्टीकरण लाया जाएगा. संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा.
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कानून बनाने की तैयारी
राजस्व सचिव ने कहा कि हम इस पर कानून बनाने और उसे संसद में पेश करने की तैयारी में हैं. हमारा जोर सदन में इस कानून को पास कराने पर होगा. हालांकि, यह कानून तभी पूरी तरह लागू हो सकेगा जब राज्यों के जीएसटी कानून में भी बदलाव हो. जब तक राज्यों में जीएसटी कानून बदल नहीं जाता, वहां गेमिंग पर टैक्स वसूलना संभव नहीं होगा.
बिल में सब स्पष्ट कर दिया जाएगा
राजस्व सचिव के अनुसार, यह सिर्फ एक स्पष्टीकरण संशोधन होगा. हमारा मानना है कि ऑनलाइन गेम पर जीएसटी उसके कुल मूल्य या वैल्यू पर लगाया जाना चाहिए. अभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां इस पर बहुत कम टैक्स चुका रही हैं. इसकी मौजूदा दर 5 फीसदी है, जो खाने-पीने की चीजों पर लगाई जाती है. जाहिर है कि इस पर सही तरीके से टैक्स लगाया जाना चाहिए, जो 28 फीसदी सही रहेगा. यह टैक्स कंपनी के कुल टर्नओवर पर लगाया जाएगा.
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सिफारिशों के बाद किया फैसला
ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के बाद किया गया है. मंत्री समूह ने काफी समीक्षा के बाद यह तय किया है कि जीएसटी गेम पर लगाए पैसों, सकल राजस्व या फिर सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस पर लगाया जाना चाहिए. इसके बाद तय किया गया कि 28 फीसदी जीएसटी पूरे मूल्य पर लगाना सही रहेगा.
हर तरह के गेम पर एक जैसा टैक्स
राजस्व सचिव ने साफ कहा है कि हर तरह के गेम पर एक जैसा टैक्स लगाया जाएगा. इसका मतलब है कि चाहे कोई गेम स्किल से खेला जाए या फिर किस्मत के दम पर जीता जाए. टैक्स को लेकर एक यूनिफॉर्म सिस्टम तैयार किया जाएगा, ताकि किसी भी इंडस्ट्री प्लेयर को यह न लगे कि उनके साथ पक्षपात हो रहा है. मंत्री समूह ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए ही पूरे राजस्व पर जीएसटी लगाने की बात कही है.
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पिछले मामलों पर लागू नहीं
राजस्व सचिव ने साफ किया है कि कानून में संशोधन रेट्रोस्पेक्टिव नहीं होगा. मसलन, इसे पिछले मामलों पर लागू नहीं किया जाएगा. जो भी बदलाव होंगे और कानून में जो भी नई चीज जोड़ी जाएगी तो उसका असर पिछले मामलों पर नहीं होगा. इसे आगे के मामलों पर ही लागू किया जाएगा. इसका सीधा मतलब है कि अभी तक के मामलों को इस संशोधन से बाहर रखा जाएगा.