इस साल मार्च में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा था कि वह अपने वित्तीय सेवाओं के उपक्रम रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (RISL) का डीमर्जर करने की योजना बना रही है.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFSL) अलग हो चुकी है. कंपनी के अलग होने के कुछ हफ्ते बाद मुकेश अंबानी ने कहा कि JFSL का लक्ष्य सरल, किफायती और नए डिजिटल-फर्स्ट समाधान प्रदान करना है. पिछले महीने, रिलायंस ने अपनी वित्तीय सेवा कंपनी रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड को अलग कर दिया और इसका नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) कर किया है.
डिजिटल क्रांति
RIL की इंट्रिगेटेड वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 में अंबानी ने कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का लक्ष्य सरल, किफायती और नए डिजिटल-फर्स्ट समाधान प्रदान करना है. आज का भारत अभूतपूर्व गति से डिजिटल फाइनेंस को अपना रहा है. उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति जन धन खातों, डिजिटल पेमेंट, स्मार्टफोन के इस्तेमाल और कम लागत वाले डेटा के जरिए से देश के हर कोने में प्रवेश कर चुकी है.
भारतीय बाजार का मिलेगा लाभ
मुकेश अंबानी ने कहा कि चूंकि विभिन्न फाइनेंसियल सर्विसेज विभिन्न नियामक ढांचे के अधीन होती हैं. हमारा मानना है कि एक स्वतंत्र फाइनेंसियल सर्विसेज यूनिट हमें भारतीय बाजार में उपलब्ध अवसरों तक पहुंचने की अनुमति देगी. उन्होंने कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज अपनी सहायक कंपनियों के साथ तकनीकी का लाभ उठाएगी.
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रिलायंस की क्षमताएं और डिजिटल रूप से वित्तीय सेवाएं प्रदान करना, भारतीय नागरिकों के लिए वित्तीय सेवाओं की पहुंच को लोकतांत्रिक बनाएगी.
कंपनी की वैल्यूएशन
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से अलग होने के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर की वैल्यू उम्मीद से कहीं अधिक 261.85 रुपये तय हुई. इसके बाद कंपनी का वैल्यूएशन लगभग 20 अरब डॉलर आंका गया है. आंकी गई ये कीमत वैल्यूएशन के लिहाज से कंपनी को कोल इंडिया, इंडियन ऑयल जैसी तमाम दिग्गज कंपनियों से आगे पहुंचाती है. डीमर्जर के बाद 20 जुलाई 2023 से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड Reliance की नई कंपनी बन गई है. बीते साल 2022 में सितंबर तिमाही के आंकड़े पेश करने के दौरान रिलायंस ने अपने अपने फाइनेंशियल सर्विस बिजनेस रिलायंस स्ट्रैटेजिक इनवेस्टमेंट लिमिटेड (RSIL) को अलग करने की घोषणा की थी और इसे जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के नए नाम के साथ स्टॉक एक्सचेंजों पर अलग से लिस्ट करने के प्लान का खुलासा किया था. NCLT की मुंबई पीठ ने बीते 28 जून को इस डीमर्जर को मंजूरी दे दी थी.
इन दिग्गजों के हाथों में कमान
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हितेश कुमार सेठी एमडी और सीईओ के रूप में नई यूनिट की कमान सभालेंगे. RSIL बोर्ड ने 6 जुलाई 2028 तक पांच साल की अवधि के लिए अतिरिक्त निदेशक के रूप में राजीव महर्षि, सुनील मेहता और बिमल मनु तन्ना की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है. बोर्ड ने मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी को गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.