पैसे बचाना अपने आप में एक स्किल है. चाहे फ्यूचर सिक्योर करने की बात हो या फिर इमरजेंसी के लिए तैयार रहने की जरूरत, अकाउंट में पैसे होना ज़रूरी है. अकाउंट में पैसे बने रहें, इसके लिए हर महीने थोड़े-थोड़े पैसे बचाना भी ज़रूरी है.
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नई दिल्ली. महंगाई तेज़ी से बढ़ रही है, उसकी तुलना में सैलरी नहीं बढ़ रही. इस वजह से कई लोग पैसे सेव करने में स्ट्रगल करते हैं, लेकिन एक अच्छी प्लानिंग के साथ आप अपनी ज़रूरतों से कॉम्प्रोमाइस किए बिना अपनी सेविंग्स बढ़ा सकते हैं.
पैसे सेव करना केवल एक अच्छी आदत का हिस्सा नहीं है, बल्कि अपना भविष्य सिक्योर करने के लिए और किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार रहने के लिए ज़रूरी है. ताकि, पैसों की ज़रूरत पड़ने पर आपको किसी से उधार न मांगना पड़े. कुछ तरीके हैं जिन्हें अपनाकर आप कम सैलरी में भी बड़ी सेविंग्स कर सकते हैं.
सैलरी आने से पहले बजट बना लें
हमारे कुछ खर्चे ज़रूरी होते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो शौकिया होते हैं या जिन्हें अवॉइड किया जा सकता है. सैलरी आने से पहले एक बजट बना लें. बजट में ज़रूरी खर्चों को प्रायोरिटी पर रखें. उसके बाद अपने शौक जैसे मूवी, शॉपिंग या बाहर खाने-पीने के लिए एक बजट बनाएं, कि इन चीज़ों में इतना ही पैसा खर्च करेंगे. उसके बाद जो अमाउंट बचे उसे अपनी सेविंग्स और इनवेस्टमेंट्स के लिए रखें.सैलरी आते ही सेविंग और इनवेस्टमेंट वाला पैसा सबसे पहले उनकी सही जगह पर पहुंचा दें. उसके बाद बाकी खर्च अपने बजट के हिसाब से ही करें. कई लोग महीने के आखिर में बचने वाला पैसा सेविंग्स में डालते हैं, पर जब तक अकाउंट में पैसा रहता है उसके खर्च होने की संभावना बनी रहती है, इसलिए ये एडवाइज़ेबल है कि आप सेविंग और इनवेस्टमेंट में पहले ही पैसे डाल दें.
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इमरजेंसी के लिए पैसे अलग करके रखें
जब आप अपना बजट बनाएं तो उसमें इमरजेंसी के लिए भी एक फंड अलग से निकालें. ये पैसे अलग से किसी ऐसे अकाउंट में रखें जिसका इस्तेमाल आप कम करते हैं. समय के साथ एक इमरजेंसी फंड बिल्ड करना भी बेहद ज़रूरी है. ये फंड अचानक सामने आने वालों खर्चों से डील करने के लिए जरूरी होते हैं. फिर चाहे वो मेडिकल इमरजेंसी हो या जॉब लॉस या कोई और ज़रूरत.
इंसेंटिव और बोनस को अलग रखें
अगर आप अपनी सैलरी का बजट बनाकर चलते हैं तो आपको मिलने वाला इन्सेंटिव और बोनस ज़ाहिर है कि आपके लिए एक्स्ट्रा इनकम है. इस एक्स्ट्रा इनकम को आप अपने सेविंग्स अकाउंट में जमा करके रखें. ये आपके सेविंग्स के गोल को जल्दी पूरा करने में मदद करेगा.
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गैर-जरूरी खर्चों पर लगाम लगाएं
वैसे तो ये सबसे बेसिक है, पर साथ ही सबसे मुश्किल टास्क भी है. आजकल जब सबकुछ बस एक क्लिक की दूरी पर है, जब आपके फोन में तमाम तरह के सेल के नोटिफिकेशंस रात-दिन टिमटिमाते रहते हैं, तो ऐसे में गैर-जरूरी खर्चों या शॉपिंग या बाहर खाने के टेम्पटेशन से बच पाना किसी तपस्या से कम नहीं है. पर जब भी आप किसी सेल के बारे में पढ़ें तो ये ज़रूर देखें कि क्या वो खर्च आपके लिए इतना ज़रूरी है कि उसके लिए आप अपनी सेविंग्स के साथ समझौता कर सकते हैं?
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सबसे जरूरी बात. पैसे सेव करने का कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है कि सैलरी में से इतना तो सेव करना ही चाहिए. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लक्ष्य कितना कॉर्पस बिल्ड करने का है. इसके लिए आप फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की मदद ले सकते हैं. वो आपकी सैलरी, आने वाले सालों में संभावित सैलरी हाइक, महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए आपके लिए कस्टमाइज़्ड प्लान बना सकते हैं.