अडानी ग्रुप हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट सामने के बाद खड़ी हुई मुश्किलों से अभी तक उबर नहीं पाया था कि अब ग्रुप पर दूसरा बम फूट गया है. अब OCCRP ने अपनी ही कंपनी के शेयरों को गुपचुप तरीके से खरीदने का आरोप लगाया है.
‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (OCCRP) ने अडानी ग्रुप पर गुरुवार को आरोप लगाया कि उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी यूनिट्स के जरिए अडानी ग्रुप के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया गया.
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हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.
जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा फंडेड ऑर्गेनाइजेशन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी फाइनेंशियल रीसर्च एवं इन्वेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर बही-खातों में फ्रॉड तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी यूनिट्स के अनुचित इस्तेमाल का आरोप लगाया था. इन आरोपों के बाद ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी.
कई ‘टैक्स हेवन’ की फाइलों और अडानी ग्रुप के कई आंतरिक ईमेल की समीक्षा का हवाला देते हुए OCCRP ने कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले पाए गए जहां ‘‘अस्पष्ट’’ इन्वेस्टर्स ने ऐसी विदेशी यूनिट्स के जरिए अडानी के शेयर खरीदे व बेचे.
‘टैक्स हेवन’ उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम टैक्स लगता है.
OCCRP का दावा है कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग नामक दो लोगों के अडानी परिवार के साथ लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं और उन्होंने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी से जुड़ी ग्रुप कंपनियों आदि में निदेशक तथा शेयरधारक के रूप में भी काम किया है.
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OCCRP ने आरोप लगाया, ‘‘ इन लोगों ने विदेशी यूनिट्स के जरिए कई वर्षों तक अडानी के शेयर खरीदे व बेचे और इससे काफी मुनाफा कमाया. उनकी भागीदारी क्लियर नहीं है.
उसने आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है कि उनके निवेश की प्रभारी मैनेजमेंट कंपनी ने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की कंपनी को उनके इन्वेस्टमेंट में सलाह देने के लिए पेमेंट किया था.
अडानी ग्रुप ने एक बयान में क्लियर तौर पर इनका खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया.
ग्रुप ने इसे ‘‘ बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-फंडेड हितों का एक प्रयास’’ बताया है.
बयान में कहा गया है कि ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी. एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने कन्फर्म किया था कि कोई अधिक वैल्यूएशन नहीं था और ट्रांजैक्शन लागू कानून के तहत किए गए थे.
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ग्रुप ने कहा कि मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. क्लियर तौर पर चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है.
अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट
अडानी ग्रीन एनर्जी 3.46 फीसदी टूट गया.
अडानी एंटप्राइजेज 3.06 फीसदी टूट गया.
अडानी पोर्ट्स में 3.1 की गिरावट दर्ज की गई.
अडानी पॉवर में 3 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई.
अडानी एनर्जी सल्यूशंस में 2 फीसदी की गिरावट आई.
अडानी टोटल गैस में 2.25 फीसदी की गिरावट आई.
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अडानी विल्मर में 2 फीसदी की गिरावट आई.
एसीसी में 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
अंबुजा सीमेंट्स में 3.38 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
NDTV के शेयरों में 2.17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.